जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज और कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (पूर्व में सोनी पिक्चर्स) के बीच 10 अरब डॉलर मूल्य के विलय सौदे का भविष्य अधर में लटक गया है. दोनों पक्ष एक महीने की रियायती अवधि खत्म होने के करीब आने पर भी किसी समझौते को अंतिम रूप दे पाने में नाकाम रहे हैं. जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (जील) के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी पुनीत गोयनका के विलय के बाद बनने वाली नई कंपनी का नेतृत्व करने को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है.
दरअसल बाजार नियामक सेबी ने गोयनका को फंड दुरुपयोग मामले में जी एंटरटेनमेंट समेत किसी भी इकाई में प्रबंधकीय पद संभालने से रोक दिया था जिसे लेकर सोनी पिक्चर्स को आपत्ति है. हालांकि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आदेश पर प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने रोक लगा दी थी लेकिन जापान में कठोर कॉरपोरेट प्रशासन नीतियां होने से विलय की गई इकाई का नेतृत्व गोयनका को देने में सोनी सहज नहीं है. उद्योग के एक सूत्र ने कहा कि इस विलय सौदे का पूरा होना इस बात पर भी निर्भर करता है कि भारतीय कंपनी अन्य समापन शर्तों को किस तरह पूरा कर पाती है.
इस सौदे पर वर्ष 2021 में जी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के बीच हस्ताक्षर किए गए थे. इसे पूरा करने के लिए दो साल की अवधि तय की गई थी जो 21 दिसंबर, 2023 को पूरी होनी थी. इसमें एक महीने की छूट अवधि भी दी गई है जिसमें नियामकीय एवं अन्य मंजूरियों को पूरा किया जाना है. सौदा पूरा करने के लिए दी गई रियायती अवधि भी 21 जनवरी को पूरी होने वाली है, लेकिन मौजूदा हालात में इस सौदे के पूरा हो पाना मुश्किल नजर आ रहा है.
इस संबंध में सोनी और जी एंटरटेनमेंट की तरफ से फिलहाल टिप्पणियां नहीं मिल पाईं. सूत्रों के मुताबिक, विवाद के केंद्र में विलय वाली इकाई का नेतृत्व है. स्वीकृत नियमों और शर्तों के तहत गोयनका को ही इस इकाई का नेतृत्व करना था, जबकि सोनी कल्वर मैक्स अपने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क के प्रमुख एन पी सिंह को यह जगह देना चाहती है.