भारत के छोटे कस्बे और शहर एप्पल (Apple) के लिए बड़े बाजार के रूप में उभर रहे हें. एप्पल आईफोन की कुल बिक्री में करीब करीब 60 फीसदी हिस्सा टियर-2 शहरों का है. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एप्पल की कुल बिक्री में टियर-1 शहरों की हिस्सेदारी पहले 65 से 70 फीसदी हुआ करती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में इस ट्रेंड में बड़ा बदलावा आया है.
कोविड-19 के बाद बिक्री में बदलाव
इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 महामारी के बाद एप्पल उत्पादों की बिक्री में बदलाव आया है, क्योंकि वर्क फ्रॉम होम की वजह से हजारों लोग अपने होमटाउन चले गए हैं. और वर्क फ्रॉम होम व्यवस्था की वजह से एक अच्छा स्मार्टफोन रखना ऐसे लोगों के लिए एक आवश्यकता बन गया है.
इस बदलाव पर बात करते हुए, काउंटर प्वॉइंट रिसर्च के वाइस-प्रेसिडेंट नील शाह ने कहा कि महामारी से पहले एप्पल का पूरा ध्यान अपने प्रीमियम रिसेलर के जरिये केवल टियर-1 या ज्यादा से ज्यादा टियर-2 बाजारों पर ही था. पहले आईफोन की सबसे ज्यादा मांग केवल महानगरों और बड़े शहरों में ही थी और एप्पल की कुल बिक्री में टियर-1 बाजारों की हिस्सेदारी करीब 65 से 70 फीसदी हुआ करती थी.
एप्पल की बिक्री रणनीति में बदलाव
अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए, एप्पल ने 2019 में अपनी डिस्ट्रीब्यूशन रणनीति में बदलाव किया और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ-साथ क्रोमा और रिलायंस डिजिटल स्टोर जैसे बड़े रिटेल आउटलेट्स के साथ गठजोड़ किया. इससे भारतीय उपभोक्ताओं के दृष्टिकोण में बदलाव लाने में मदद मिली क्योंकि ऑनलाइन ऑफर्स और डील्स के साथ महंगे उत्पाद खरीदने में सहजता आने से इन्हें खरीदना आसान हो गया. इसके अलावा एप्पल ने अपने उत्पादों के लिए नो-कॉस्ट ईएमआई का विकल्प देकर भी ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित किया. बिक्री नेटवर्क के विस्तार के साथ, एप्पल उत्पादों की पहुंच विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले अधिक ग्राहकों तक आसान हो गई.
काउंटर प्वॉइंट रिसर्च के डेटा के मुताबिक कैलेंडर वर्श 2023 में भारत में 90 लाख आईफोन की बिक्री होने की उम्मीद है, इस बिक्री में 60 फीसदी बिक्री दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे से बाहर से होगी.
इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक, भारत में बनने वाले प्रत्येक 10 आईफोन में से सात का निर्यात किया जाता है. एप्पल अपने लक्ष्यों को हासिल करते हुए भारत को स्मार्टफोन का निर्यात केंद्र बनाने के सरकार के प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. जानकारों ने बताया कि एप्पल सरकार की ओर से मिलने वाले उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) राशि का इस्तेमाल चुनिंदा ऑफर्स की पेशकश करने और अपने रिटेल नेटवर्क का विस्तार करने के लिए कर रही है.
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