Monsoon 2024: प्राइवेट वेदर फोरकास्टिंग एजेंसी स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) ने मंगलवार को 2024 में भारत के लिए सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की है. स्काईमेट के मुताबिक इस बार 4 महीने (जून से सितंबर तक) तक लंबेसमय के लिए मानसून रहेगा. इस साल बारिश 880.6 mm की लंबी अवधि के औसत का 98 फीसदी रह सकती है. भारत में औसत बारिश होने की 65 फीसदी संभावना है. सामान्य बारिश का फैलाव LPA का 96 फीसद से 104 फीसद रह सकता है. इससे पहले 12 जनवरी, 2024 को जारी अपने पहले पूर्वानुमान में, स्काईमेट ने मानसून 2024 को ‘सामान्य’ माना था और इसे बरकरार रखा है.
अल नीनो से ला नीना में परिवर्तन के कारण सीज़न की शुरुआत में देरी होने की उम्मीद है. स्काईमेट ने कहा कि इसके अलावा, पूरे सीजन में बारिश के हर एरिया में अलग-अलग और असमान होने की संभावना है.
अल नीनो से ला नीना
स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह ने कहा, ‘अल नीनो तेजी से ला नीना में तब्दील हो रहा है. ला नीना वर्षों के दौरान मानसून मजबूत हो जाता है. इसके अलावा, सुपर अल नीनो से मजबूत ला नीना में बदलाव ऐतिहासिक रूप से एक अच्छा मानसून लाता रहा है. हालांकि, मानसून का मौसम अल नीनो के शेष प्रभावों की वजह से हानि के जोखिम के साथ शुरू हो सकता है. सीज़न के दूसरे भाग में पहले की तुलना में भारी बढ़त होगी.
कम वर्षा की उम्मीद
स्काईमेट को दक्षिण, पश्चिम और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में “पर्याप्त अच्छी बारिश” की उम्मीद है. “महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मुख्य क्षेत्र में पर्याप्त वर्षा होगी. बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के पूर्वी राज्यों में जुलाई और अगस्त के चरम मानसून महीनों के दौरान कम वर्षा का खतरा होगा. पूर्वोत्तर भारत में कम वर्षा होने की संभावना है.
10-20 दिन की लू
भारत की लगभग आधी कृषि भूमि ऐसी है जहां कोई सिंचाई सुविधा नहीं है. चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलें उगाने के लिए ऐसे कृषि क्षेत्र जून-सितंबर की सालाना बारिश पर निर्भर करते हैं. भारतीय मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि अप्रैल-जून की अवधि में, देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्य 4 से 8 दिनों की तुलना में 10-20 दिन लू रिकॉर्ड हो सकती है.