अब सीधे सैटेलाइट से कटेगा टोल, दूरी के आधार पर लिया जाएगा पैसा
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वर्तमान टोल कलेक्शन सिस्टम को जल्द ही खत्म कर दिया जाएगा. इसकी जगह सैटेलाइट टोल व्यवस्था को लागू किया जाएगा
फास्टैग को अनिवार्य किए जाने के बाद सरकार टोल व्यवस्था को और बेहतर बनाने में लगी हुई है. इसके लिए अब टोल सीधे सैटेलाइट से काटा जाएगा. पैसेंजर्स की ओर से तय की गई दूरी के आधार पर टोल शुल्क वसूला जाएगा. पैसे सीधे यूजर्स के बैंक खाते से कटेंगे. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि वर्तमान टोल कलेक्शन सिस्टम को जल्द ही खत्म कर दिया जाएगा. इसकी जगह सैटेलाइट टोल व्यवस्था को लागू किया जाएगा. इससे समय और ईंधन की बचत होगी.
गडकरी ने कहा कि इससे समय की बचत होगी. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे- पहले मुंबई से पुणे जाने में नौ घंटे लगते थे, अब वहीं 2 घंटे का वक्त लगता है. लिहाजा सात घंटे की बचत होती है, साथ ही सफर के दौरान लगने वाले ईंधन की भी बचत होती है. लोगों को यही सुविधा देने के लिए सरकार उनसे टोल लेगी. उन्होंने यह भी बताया कि 2024 तक राष्ट्रीय राजमार्गों का सड़क नेटवर्क संयुक्त राज्य अमेरिका के समान हो जाएगा. भारत की सड़कों का लगातार विस्तार किया जा रहा है और इसे बेहतर बनाया जा रहा है.
8500 किमी सड़क प्रोजेक्ट पर होगा काम
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि उनका लक्ष्य विश्व मानक स्तर पर देश के राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण करना है. इसके लिए कई योजनाओं को मंजूरी दी गई है, वहीं कुछ परियोजनाओं पर काम चल रहा है. प्रोजेक्ट को भारतमाला-1 और भारतमाला-2 में बांटा गया है. भारतमाला 1 में 34 हजार किमी का काम शामिल है. वहीं भारतमाला-2 लगभग 8500 किमी की परियोजना है.
सड़क हादसे रोकने पर होगा ध्यान
केंद्रीय मंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि इसे रोकने के लिए किए गए प्रयास काफी नहीं है. यह मानव व्यवहार से संबंधित है. इसलिए आने वाले समय में इसमें बदलाव लाने और सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने की और कोशिश की जाएंगी, जिससे ऐसे हादसों में कमी लाई जा सके.