भारत में अब इंटरनेट की स्पीड और ज्यादा बढ़ने वाली है. दरअसल देश में जल्द ही सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सर्विस उपलब्ध होगी. इसके लिए रिलायंस जियो (Jio) और वनवेब (Oneweb) को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DOT) ने लाइव डेमोंस्ट्रेशन की मंजूरी दे दी है. इस महीने के आखिर तक दोनों कंपनियां सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस का डेमो देंगी. इनमें वो दिखाएंगी कि ये कैसे काम करेगा. इसके अलावा दोनों कंपनियों ने DOT को टेस्ट स्पेक्ट्रम के लिए भी आवेदन किया है. इससे वे व्यापक स्तर पर सेटकॉम सर्विस को टेस्ट कर सकेंगे. ये टेस्टिंग पीरियड 90 दिनों का होता है जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है. बता दें दोनों ही सेटकॉम कंपनियों को GMPCS लाइसेंस मिल चुका है.
विभागीय सूत्रों के अनुसार फिलहाल टेस्ट स्पेक्ट्रम के लिए आए आवेदनों का विश्लेषण किया जा रहा है, लेकिन Jio और Oneweb को व्यापक स्तर पर टेस्टिंग के लिए मंजूरी मिल सकती है. चूंकि सैटकॉम में काफी संभावनाएं हैं, ऐसे में अनुमति मिलने से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में आ रही समस्याएं दूर हो सकती हैं. EY-ISpA की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की स्पेस इकॉनमी 2025 तक 6% की सीएजीआर से बढ़कर 13 बिलियन डॉलर की हो सकती है.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) सैटकॉम स्पेक्ट्रम आवंटन पर अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने पर काम कर रहा है. अधिकारियों का मानना है कि ट्राई में नए चेयरमैन के कार्यभार संभालने के बाद सिफारिशें दूरसंचार विभाग को भेज दी जाएंगी. सैटकॉम स्पेक्ट्रम आवंटन पर ट्राई का फैसला रिलायंस जियो और सैटकॉम कंपनियों के बीच चल रही खींचतान के बीच आएगा. एक तरफ जहां जियो सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी की वकालत कर रही है, वहीं वनवेब वे अन्य, सैटकॉम कंपनियों के साथ इसे प्रशासनिक तौर पर चाहती हैं.
इन दोनों कंपनियों के अलावा जेफ बेजोस के नेतृत्व वाली कंपनी, अमेजन भी इस रेस का हिस्सा बनना चाहती है. यही वजह है कि अमेजन ने भारत में सेटकॉम सर्विसेस प्रदान के लिए बीते दिन DOT को इससे जुडी एक फाइल भेजी है. अमेजन अपने ‘ प्रोजेक्ट कुइपर ‘ के तहत भारत में सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस प्रदान करेगी.