सैमसंग, क्वालकॉम, एरिक्सन और नोकिया ने स्मार्टफोन पर लाइव टीवी प्रसारण के लिए एटीएससी 3.0 तकनीक के उपयोग पर विरोध जताया है. मोबाइल निर्माताओं की दलील है कि मौजूदा स्मार्टफोन नई तकनीक के साथ काम करने के लिए सही नहीं है. इसके लिए हार्डवेयर बदलना होगा, जिससे डिवाइस की लागत 30 डॉलर बढ़ जाएगी. साथ ही उपकरणों और सेलुलर रिसेप्शन के बैटरी प्रदर्शन में भी गिरावट आ सकती है. कुछ मोबाइल निर्माताओं को डर है कि उनकी मौजूदा मैन्यूफैक्चरिंग योजनाओं को नुकसान पहुंच सकता है.
बता दें भारत सरकार ने सेलुलर नेटवर्क के बिना लाइव टीवी सिग्नल हासिल करने के लिए स्मार्टफोन को हार्डवेयर से लैस करने की नीति पर विचार कर रहा है. सरकार ने उत्तरी अमेरिका में लोकप्रिय तथाकथित एटीएससी 3.0 तकनीक के उपयोग का प्रस्ताव दिया है. इसके जरिए टीवी सिग्नल्स की सटीक जियो लोकेशन और हाई पिच्चर क्वालिटी मिलेगी.
इस सिलसिले में चारों मोबाइल कंपनियों ने भारत के संचार मंत्रालय को एक खत भी लिखा है. जिसमें लिखा गया है कि डायरेक्ट-टू-मोबाइल प्रसारण जोड़ने से उपकरणों और सेलुलर रिसेप्शन के बैटरी प्रदर्शन खराब होगा. इसलिए इस नीति को अमल में नहीं लाना चाहिए. हालांकि मंत्रालय ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है. सूत्र के अनुसार प्रस्ताव अभी भी विचाराधीन है, इसके लिए अभी कोई निश्चित समयसीमा नहीं है. अधिकारियों का कहना है कि टेक्नोलॉजी का समर्थन करने वाले उपकरणों की कमी के कारण इस नीति को गति नहीं मिली है. रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट के अनुसार, सैमसंग 17.2% हिस्सेदारी के साथ भारत के स्मार्टफोन बाजार में शीर्ष पर है, जबकि Xiaomi 16.6% हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है, वहीं Apple के पास 6% हिस्सेदारी है.