विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा में मजबूती से बुधवार को रुपया एक पैसे टूटकर 83.28 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयरों में नरम रुख का भी रुपये पर असर पड़ा, जबकि कच्चे तेल की कीमतों में सुधार से स्थानीय मुद्रा को समर्थन मिला.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 83.25 पर खुला और 83.29 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में पिछले बंद भाव से एक पैसे टूटकर 83.28 (अस्थायी) पर बंद हुआ. रुपया मंगलवार को 83.27 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.24 फीसद बढ़कर 105.79 के स्तर पर पहुंच गया. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.10 फीसद गिरकर 81.69 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था.
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 33.21 अंक गिरकर 64,975.61 अंक पर बंद हुआ.
बीएनपी पारिबा बाय शेयरखान के एसोसिएट उपाध्यक्ष प्रवीण सिंह ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट घरेलू मुद्रा के लिए सकारात्मक है.
सिंह ने कहा कि कारोबारी अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल के भाषण पर नजर रखेंगे. बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर के संबोधन पर भी सभी की निगाह रहेगी.
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 497.21 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.