रिलायंस जियो भारत में 2जी और 3जी सेवाओं को बंद करके इसे 4जी और 5जी सेवाओं में कंवर्ट करने पर जोर दे रही है. इसके चलते जियो ने दूरसंचार नियामक से 250 मिलियन से अधिक यानी करीब 25 करोड़ से जयादा यूजर्स को 4जी/5जी सेवाओं में स्थानांतरित करने की अपील की है. कंपनी का मानना है कि इस पहल से नेटवर्क संबंधी बेकार लागत में कटौती होगी. साथ ही 5जी इकोसिस्टम का विकास होगा.
जियो के सुझाव का वोडाफोन आइडिया (VI) ने भी समर्थन किया है. इसके लिए सरकार से हैंडसेट सब्सिडी योजना को फाइनेंस करने के लिए यूनिवर्सल सर्विसेज ऑब्लिगेशन फंड (USOF) कॉर्पस में अनयूज्ड नकदी का उपयोग करने को कहा है. कंपनी की दलील है कि इससे लाखों 2जी उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी, जो तुरंत स्मार्टफोन खरीदने में सक्षम नहीं हैं. इसके अलावा इससे तेजी से 4जी/5जी सेवाओं में अपग्रेड करने के भी काम आएगा. वर्तमान में यूएसओएफ कोष के तहत लगभग 77,113 करोड़ रुपए बिना यूज किए हुए हैं.
देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने नियामक के सामने कोई प्रस्ताव नहीं रखा, लेकिन एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्टल ने पहले अपने 2जी नेटवर्क को बंद करने की किसी भी तत्काल योजना से इनकार कर दिया था. हालांकि, एयरटेल ने लगभग चार साल पहले ही अपने 3जी नेटवर्क को बंद कर दिया था.
नोकिया ने गैर-लाभकारी ग्रामीण क्षेत्रों में 5G नेटवर्क बुनियादी ढांचे के निवेश को बढ़ाने के लिए दूरसंचार कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रांट तैयार किया है. जबकि स्वीडन की एरिक्सन चाहती है कि सरकार स्पेक्ट्रम लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं को सरल बनाए. कंपनी का सुझाव है कि सरकार को 2जी और 3जी नेटवर्क को पूरी तरह से बंद करने के लिए एक नीति और योजना बनानी चाहिए. इससे अनावश्यक नेटवर्क लागत से बचा जा सके और सभी ग्राहकों को 4जी और 5जी सेवाओं में कंवर्ट किया जा सके.