गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) से संबंधित कुछ मानदंडों का पालन न करने पर रिजर्व बैंक ने एल एंड टी फाइनेंस लिमिटेड पर 2.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. आरबीआई का कहना है कि कंपनी की जांच के बाद रिपोर्टों से पता चला है कि फाइनेंस कंपनी ने अपने खुदरा उधारकर्ताओं को ऋण आवेदन पत्र में विभिन्न श्रेणियों के उधारकर्ताओं से अलग-अलग ब्याज दरें वसूलने के जोखिम के वर्गीकरण और शर्तों का खुलासा नहीं किया था.
इतना ही नहीं वित्तीय संस्थान अपने उधारकर्ताओं को दंडात्मक ब्याज दर में बदलाव के बारे में सूचित करने में नाकामयाब रहा है. कंपनी ने मंजूरी के समय बताई गई पेनाल्टी ब्याज दर से ज्यादा शुल्क लिया है. कंपनी को इस मामले में स्पष्टीकरण देने के लए आरबीआई ने मौका दिया था, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर रिजर्व बैंक ने एल एंड टी को नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया. जिसके चलते कंपनी पर मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है. आरबीआई ने यह भी कहा कि जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी की ओर से अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते को प्रभावित करना नहीं है.
बता दें एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग्स ने वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में 595 करोड़ रुपए शुद्ध लाभ कमाया है, जो सालाना 46 प्रतिशत की वृद्धि दिखाता है. रिटेल डिस्बर्समेंट में भी तेजी देखने को मिली है. फाइनेंस कंपनी 32 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 13,499 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड ऊंचाई पर है.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।