सरकार ने मई में अनुमानित 235 गीगावॉट और जून में 240 गीगावॉट बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त उपाय किए हैं. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है. बिजली मंत्रालय ने कहा है कि हमने विभिन्न उपायों के साथ अप्रैल 2024 के दौरान 224 गीगावॉट की अधिकतम शाम की बिजली मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया है. बयान में कहा गया कि बिजली की मांग मई में दिन के समय 235 गीगावॉट और शाम के समय 225 गीगावॉट तक पहुंचने का अनुमान है. इसी तरह मांग जून में दिन के समय 240 गीगावॉट और शाम के समय 235 गीगावॉट तक पहुंच सकती है.
गर्मियों के दौरान करीब 260 गीगावॉट की मांग का अनुमान
बिजली मंत्रालय ने इस साल गर्मी के दौरान लगभग 260 गीगावॉट की चरम मांग का अनुमान लगाया है. मंत्रालय ने कहा कि कोयला आधारित इकाइयों के अलावा गैस आधारित बिजली संयंत्रों को पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. बता दें कि जल विद्युत उत्पादन में गिरावट के बाद भारत में जून में 14 वर्षों में सबसे बड़ी बिजली की कमी का अनुमान लगाया जा रहा है. हालांकि इस दिक्कत से निकलने के लिए नियोजित संयंत्र रखरखाव को स्थगित करके और बंद पड़े यूनिट को फिर से चलाने से बिजली कटौती से बचने की कोशिश की जा रही है.
कोयला संयंत्रों के चालू होने में देरी से गहरा सकता है संकट
सरकारी सूत्रों के मुताबिक 3.6 गीगावाट के नए कोयला आधारित संयंत्रों के चालू होने में देरी के कारण भी संकट गहरा सकता है, इन्हें मार्च से पहले चालू करने का लक्ष्य रखा गया था. केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के मुताबिक जून में रात के समय 14 गीगावॉट तक की बड़ी कमी हो सकती है, क्योंकि उस समय सौर क्षमता उपलब्ध नहीं होती. ग्रिड-इंडिया ने जून में रात के समय अधिकतम 235 गीगावॉट की मांग का अनुमान लगाया है.