लोकसभा चुनाव से पहले सरकार जनता को लुभाने में लगी हुई है, इसी के तहत उज्ज्वला योजना में दी जाने वाली एलपीजी सब्सिडी की समय सीमा को बढ़ा दिया गया है. अब उज्ज्वला लाभार्थियों को मार्च 2025 तक इसका लाभ मिल सकेगा. इसके पहले यह योजना चालू वित्त वर्ष में 31 मार्च को खत्म होने वाली थी. सरकार ने इस योजना के तहत गरीब महिलाओं को प्रति एलपीजी सिलेंडर मिलने वाली सब्सिडी को भी पिछली घोषणा में 200 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए कर दिया था.
केंद्र ने गुरुवार को 1 अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष के लिए उज्ज्वला योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी को जारी रखने की मंजूरी दी. केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्देश के तहत प्रति वर्ष 14.2 किलोग्राम वाले सिलेंडर पर 300 रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी. लाभार्थी साल में 12 सिलेंडर ले सकते हैं. बता दें सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में सिलेंडर पर सब्सिडी 200 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए प्रति सिलेंडर कर दी थी. सरकार के इस कदम से लगभग 10 करोड़ परिवारों को लाभ होने की संभावना है. वहीं इससे सरकार पर 12,000 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा.
क्या है उज्ज्वला योजना?
ग्रामीण और गरीब परिवारों को चूल्हे से छुटाकारा दिलाने के मकसद से खाना पकाने का ईंधन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने मई 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) शुरू की थी. इसमें गरीब घरों की वयस्क महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन मुफ्त दिए जाते हैं. साथ ही इसमें सरकार प्रति सिलेंडर सब्सिडी भी उपलब्ध कराती है.
ईंधन की कीमत बढ़ने पर सब्सिडी में इजाफा
उज्ज्वला योजना के तहत सरकार मई 2022 में पीएमयूवाई लाभार्थियों को 200 रुपए प्रति सिलेंडर सब्सिडी देती थी, लेकिन जैसे ही ईंधन की कीमतें बढ़ीं, केंद्र ने अक्टूबर 2023 में इसे बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया. पिछले साल अगस्त में सरकार ने रसोई गैस की कीमतों में 200 रुपए प्रति सिलेंडर की कटौती की थी. इसके बाद एलपीजी सिलेंडर की कीमत 903 रुपए पर आ गई. उज्ज्वला लाभार्थियों को सब्सिडी के बाद यही सिलेंडर 603 रुपए में मिलता है. सब्सिडी की रकम सीधे कनेक्शन धारकों के बैंक खातों में भेजी जाती है.