त्योहारों के बीच डायमंड ज्वैलरी के शौकीनों के चेहरे चमक रहे हैं. पिछले साल की नवरात्रि और दशहरा की तुलना में इस साल सर्टिफाइड पॉलिश किए गए हीरों की कीमतों में भारी गिरावट आई है. इसमें महीने दर महीने 35% की गिरावट दर्ज की गई है. कुछ श्रेणियों के हीरों की कीमतें 2004 के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं. जानकारों के अनुसार रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका और चीन में मंदी और लैब में विकसित हीरों की बढ़ती लोकप्रियता आदि के चलते पॉलिश किए गए हीरों की कीमतें कम हुई हैं.
भारतीय हीरा व्यापार, जो दुनिया में उपलब्ध 10 में से 9 हीरों की कटिंग करता है और उसे पॉलिश करता है. इस इंस्डस्ट्री के पास इस समय सुनहरा मौका है कि वो घरेलू बाजार में कम कीमत पर हीरा बेचें. इससे भारतीय खरीदारों को कम कीमत पर बड़े हीरे रखने का मौका मिलेगा. इस बारे में सेनको गोल्ड एंड डायमंड्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ सुवंकर सेन का कहना है कि हीरे की कीमतों में गिरावट के कारण इस दशहरा पूरे भारत में हमारे स्टोरों पर बिक्री में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के उपाध्यक्ष किरीट भंसाली का कहना है कि .25 कैरेट से 3 कैरेट के बीच के हीरे की कीमत में सबसे ज्यादा गिरावट आई है. इससे भारतीय उपभोक्ताओं को बड़े आकार के हीरे रखने का मौका मिल रहा है, जो पहले लोगों की पहुंच से बाहर था. घरेलू बाजार में पॉलिश हीरे की कीमतों में और गिरावट देखी जा सकती है क्योंकि कच्चे हीरे की कीमतें गिरना शुरू हो गई हैं. हीरे के सबसे बड़े खरीदार अमेरिका से मांग में काफी गिरावट आई है, जिसकी वजह से पॉलिश हीरे की कीमतें काफी कम हो गई है. 2004 में एसआई गुणवत्ता वाले हीरे की एक कैरेट कीमत लगभग 7,000 डॉलर थी, अब लगभग वही कीमत है.
वित्तीय वर्ष 2024 के अप्रैल से सितंबर के बीच कटे और पॉलिश किए गए हीरों का कुल सकल निर्यात पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 28.76% गिरकर 8702.23 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है.