सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध को अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया है. पहले प्रतिबंध को 31 मार्च तक लागू किया गया था, लेकिन अब इसे बढ़ाने का फैसला लिया गया है. इस सिलसिले में अधिसूचना जारी कर दी गई है. चुनावों के दौरान प्याज की महंगाई न बढ़े इसके लिए इसके निर्यात पर लगे प्रतिबंध को आगे बढ़ाने का फैसला हुआ है.
सरकार ने शुक्रवार देर रात आदेश जारी कर बताया कि अगली सूचना तक प्रतिबंध जारी रहेगा. व्यापारियों ने अनुमान लगाया था कि प्रतिबंध को हटा लिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. एक निर्यात फर्म के अधिकारी ने बताया कि नए सीज़न की फसल की बढ़ती आपूर्ति के साथ गिरती कीमतों को देखते हुए प्रतिबंध को आगे बढ़ाने का फैसला हैरान करने वाला है.
अधिकारी ने कहा कि सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के कुछ थोक बाजारों में प्याज की कीमतें दिसंबर में 4,500 रुपए से गिरकर 1,200 रुपए प्रति 100 किलोग्राम हो गई है. बांग्लादेश, मलेशिया, नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश प्याज की आपूर्ति में घरेलू अंतर को भरने के लिए भारत से आयात पर निर्भर हैं और उनमें से कई देश प्रतिबंध के बाद से ऊंची कीमतों से जूझ रहे हैं. एक अन्य निर्यात अधिकारी के मुताबिक भारत के इस कदम से प्रतिद्वंद्वी निर्यातकों को ज्यादा कीमतें लगाने का मौका मिल रहा है, क्योंकि खरीदारों के पास कोई विकल्प नहीं है.
बता दें सरकार ने आठ दिसंबर 2023 को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था. रबी सत्र, 2023 में प्याज का उत्पादन 2.27 करोड़ टन रहने का अनुमान है. अंतर-मंत्रालयी समूह से मंजूरी मिलने के बाद मित्र देशों को प्याज के निर्यात की अनुमति कुछ विशेष मामलों में दी जाती है.
सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के जरिए संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश को 64,400 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है. इससे पहले, केंद्र ने अक्टूबर 2023 में उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बाजारों में 25 रुपए प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बफर प्याज स्टॉक की बिक्री बढ़ाने का फैसला किया था.