सालाना 10 हजार डॉलर (करीब 8.3 लाख रुपए) या उससे ज्यादा की आय वाले भारतीयों की संख्या में जोरदार इजाफा हुआ है. गोल्डमैन सैक्स की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बीते चार साल में जनसंख्या की तुलना में सालाना 10 हजार डॉलर या उससे ज्यादा की आय वाले भारतीयों की संख्या 12 गुना तेजी से बढ़ी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2027 तक ऐसे भारतीयों की संख्या बढ़कर 100 मिलियन होने की उम्मीद है.
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2019 और 2023 के बीच समृद्ध उपभोक्ताओं की आबादी 12 फीसद की चक्रवृद्धि वार्षिक दर (सीएजीआर) से बढ़कर अब 60 मिलियन गई है, जबकि समान अवधि में देश की जनसंख्या 1 फीसद की सीएजीआर से बढ़ी थी. रिपोर्ट के मुताबिक 12-14 मिलियन परिवारों के इन 60 मिलियन समृद्ध भारतीयों में कामकाजी उम्र के लोग 44 मिलियन थे. रिपोर्ट में भारत में प्रति व्यक्ति आय 2,100 डॉलर होने का अनुमान लगाया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कामकाजी उम्र की लगभग 4 फीसद आबादी धनी कहलाने के योग्य है. 2017-22 के एसेसमेंट ईयर के दौरान आयकर रिटर्न फाइलिंग में 8 फीसद सीएजीआर की बढ़ोतर दर्ज की गई है. इस अवधि में 10 लाख रुपए से ज्यादा की आय वाले रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में 19 फीसद की वृद्धि हुई है. वित्त वर्ष 2019 और 2023 के बीच के वर्षों में बैंकों में 15 लाख रुपए और उससे ज्यादा की टर्म डिपॉजिट में 45 फीसद सीएजीआर की वृद्धि हुई, जबकि इसके कम के डिपॉजिट में सिर्फ 3 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में वित्त वर्ष 2023 के अंत में 85 मिलियन क्रेडिट कार्ड और 960 मिलियन डेबिट कार्ड थे, जिसमें 16 फीसद की सीएजीआर की वृद्धि दर्ज की गई. वहीं वित्त वर्ष 2019 के बाद से दोनों की ग्रोथ में 1 फीसद सीएजीआर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.