व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन एच1बी वीजा प्रक्रिया में सुधार के लिए कोशिश कर रहे हैं. जो बाइडन ‘ग्रीन कार्ड’ के लंबित मामलों और देश की कानूनी आव्रजन प्रणाली से संबंधित अन्य मुद्दों से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. एच-1बी एक गैर आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विशेष व्यवसायों में तकनीकि दक्षता रखने वाले विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति देता है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने दी जानकारी
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जीन पीयरे ने बुधवार को एक दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एच-1बी वीजा में सुधार तथा अन्य मुद्दों से निपटने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. उनसे भारतीय मूल के अमेरिकियों के एक वर्ग में फैली इस भावना के बारे में पूछा गया था कि राष्ट्रपति बाइडन वैध आव्रजकों की मुश्किलों को दूर करने के लिए उतने प्रयास नहीं कर रहे हैं, जितना वह अवैध तरीके से रहने वालों पर नजर रख रहे हैं. जिसके जवाब में जीन पीयरे ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन इन मामलों पर तेजी से काम कर रहे हैं.
क्या है H1B वीजा?
एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है. एच1बी वीजा आमतौर पर उन लोगों को दिया जाता है जो अमेरिका में काम करने के लिए जाते हैं. यानी ये वीजा अमेरिकी कंपनियों में काम करने वाले ऐसे कुशल कर्मचारियों को रखने के लिए दिया जाता है जिनकी अमेरिका में कमी है. इसके बाद उसे ग्रीन कार्ड दिया जाता है. इस वीजा की वैलिडिटी छह साल की होती है. अमेरिकी कंपनियों की डिमांड की वजह से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स इस वीजा सबसे अधिक हासिल करते हैं.जिन लोगों का एच-1बी वीजा की अवधि खत्म हो जाती है तो वह फिर अमेरिकी नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते हैं. एच-1बी वीजा धारक शख्स अपने बच्चों और पत्नी के साथ अमेरिका में रह सकता है.