केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO के ट्रस्टी बोर्ड (CBT) को नए सिरे से गठित किए हैं और नए बोर्ड में आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) तथा इंडियन नैशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC) के प्रतिनिधियों को जगह नहीं दी गई है. AITUC का संबंध राजनीतिक दल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से है और INTUC का संबंध राष्ट्रीय राजनीतिक दल कांग्रेस से है.
ट्रस्टी बोर्ड के लिए 3 सदस्य RSS से जुड़े संगठन भारतीय मजदूर संघ (BMS) के नियुक्त किए गए हैं, इसके अलावा 1-1 सदस्य हिंद मजदूर सभा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े सेंटर ऑफ इडियन ट्रेड यूनियन यानी CITU, ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेटशन सेंटर, सेल्फ इम्प्लाइड वूमन एसोसिएशन और नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन से नुय्कित किए गए हैं. ट्रस्टी बोर्ड में कुल 10 सदस्य होते हैं जिनमें 8 की नियुक्ति हुई है जबकि 2 वैकेंसी खाली है. इससे पहले 2018 में जिस ट्रस्टी बोर्ड का गठन हुआ था उसमें भी 3 पोस्ट खाली थी.
EPFO की तरफ से जब भी सदस्यों के फंड पर ब्याज की दर तय की जाती है तो ट्रस्टी बोर्ड की भूमिका अहम होती है, बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर ही ब्याज दर तय होती है. देशभर में EPFO के 29 करोड़ से ज्यादा सदस्य हैं जिनमें 6 करोड़ सदस्य एक्टिव हैं. फिलहाल वित्तवर्ष 2022-23 के लिए बोर्ड की तरफ से सदस्यों के लिए 8.15 फीसद ब्याज दर घोषित की गई है. EPFO के प्रबंधन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए भी ट्रस्टी बोर्ड की अहम भूमिका मानी जाती है.