सिंगापुर और हांगकांग समेत कई दूसरे देशों में एवरेस्ट और एमडीएच के मसालाें पर लगे प्रतिबंध के बाद अब नेपाल ने भी इस पर बैन लगा दिया है. नेपाल के खाद्य प्रौद्योगिकी और गुणवत्ता नियंत्रण विभाग ने मसालों के नमूनों की जांच शुरू कर दी है, जिससे एथिलीन ऑक्साइड के स्तर का पता लगाया जा सके.
नेपाल के खाद्य प्रौद्योगिकी और गुणवत्ता नियंत्रण विभाग के प्रवक्ता मोहन कृष्ण महाराजन ने एक एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि एवरेस्ट और एमडीएच ब्रांड के मसाले जो नेपाल में आयात किए जा रहे थे उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. विभाग ने यह कदम भारतीय ब्रांड के मसालों में पाए जाने वाले हानिकारक रसायनों की बात सामने आने के बाद उठाया गया है. उन्होंने बताया कि आयात पर प्रतिबंध एक सप्ताह पहले लगाया गया था और अब बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि इन दोनों ब्रांडों के मसालों में रसायनों के परीक्षण चल रहे हैं. अंतिम रिपोर्ट आने तक बैन जारी रहेगा.
एथिलीन ऑक्साइड के उपयोग पर तय हो मानक
भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि अलग-अलग देशों में 0.73 फीसदी से लेकर 7 फीसदी तक एथिलीन ऑक्साइड के इस्तेमाल की इजाजत है. मगर अब विभिन्न देशों को एथिलीन ऑक्साइड के उपयोग के लिए एक मानक तैयार किया जाना चाहिए.
मसाला बोर्ड ने दिए ये निर्देश
भारतीय मसाला बोर्ड ने भी इन क्षेत्रों में भारतीय मसाला निर्यात की सुरक्षा और गुणवत्ता तय करने के लिए कदम उठाए हैं. बोर्ड ने टेक्नो-वैज्ञानिक समिति की सिफारिशों को लागू किया है जिसके तहत प्रोसेस्ड सुविधाओं का निरीक्षण किया गया और मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में जांच के लिए नमूने जुटाए गए. मसाला बोर्ड ने 130 से अधिक निर्यातकों और संघों, जैसे कि अखिल भारतीय मसाला निर्यातक मंच और भारतीय मसाला और खाद्य पदार्थ निर्यातक संघ को शामिल करते हुए एक हितधारक परामर्श का भी आयोजन किया. बोर्ड ने सभी निर्यातकों को एथिलीन ऑक्साइड के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं.