तपती धूप और झुलसा देने वाली गर्मी से जल्द ही भारत के लोगों को राहत मिल सकती है. मानसून जून की पहली तारीख को केरल में दस्तक देने वाला है. मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक मानसून के 1 जून को केरल तट पर पहुंचने की उम्मीद है. वहीं भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का भी कहना है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के 31 मई को केरल तट पर पहुंचने की संभावना है. ऐसे में जल्द ही लोगों को गर्मी से छुटकारा मिलेगा.
मौसम विभाग ने मानसून के पूर्वानुमान की ये गणना प्लस और माइनस के मॉडल पर की है. विभाग के मुताबिक केरल में मानसून की शुरुआत वहां इसके चार महीने की जर्नी को दिखाता है, जो राजस्थान के सुदूर पश्चिमी कोने से बारिश की वापसी के साथ खत्म होती है. हालांकि मानसून के शुरुआत की तारीख से इस बात का पता नहीं लगाया जा सकता है कि भारत में इसकी यात्रा के दौरान बारिश आगे कैसे होगी. पिछले वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो समय पर देश में मानसून के आने के बावजूद कम बारिश दर्ज की गई.
इस साल अच्छी बारिश के अनुमान
आईएमडी और स्काईमेट दोनों ने इस साल बंपर मानसून सीजन की भविष्यवाणी की है. उनके मुताबिक बेहतर बारिश की वजह से भारत की संचयी वर्षा ‘सामान्य से ऊपर’ होने की उम्मीद है.
भरपूर बारिश से कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने और जलाशयों को भरने में मदद मिलेगी, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था के स्वस्थ विकास में मदद मिलेगी.
समय से पहले मानसून के पहुंचने का लगाया था अंदाजा
इससे पहले मौसम विभाग ने दक्षिण-पश्चिम मानसून के 19 मई तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पहुंचने की उम्मीद जताई थी, जो सामान्य तारीख से 3 दिन पहले है. आमतौर पर हर साल अंडमान निकोबार में मॉनसून 22 मई तक आता है. अंडमान निकोबार से आगे बढ़ते के बाद मानसून केरल पहुंचता है. इसके बाद ये आगे बढ़ते हुए महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार पहुंचता है. जबकि 20 जून तक ये गुजरात के आंतरिक इलाकों, एमपी के मध्य हिस्सों और उत्तर प्रदेश में दस्तक देता है. हालांकि, अभी मौसम विभाग ने इन राज्यों में मॉनसून के पहुंचने की कोई सटीक तारीख नहीं बताई है.