मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली जियो फाइनेंशियल सर्विसेज जल्द ही स्टॉकब्रोकिंग और वेल्थ मैनेजमेंट बिजनेस में कदम रखने वाली है. इसके लिए जियो ने यूएस की कंपनी ब्लैकरॉक के साथ हाथ मिलाया है. दोनो एक ज्वाइंट वेंचर के जरिए इस नए व्यवसाय में एंट्री लेंगे. सोमवार को दोनों ने इसके लिए हस्ताक्षर भी किए. जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने इसकी जानकारी एक्सचेंज फाइलिंग में दी है.
जियो फाइनेंशियल की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक ब्लैकरॉक के साथ एसेट मैनेजमेंट बिजनेस शुरू करने के लिए दोनों कंपनियों ने आधी-आधी हिस्सेदारी पर एक समझौता किया है. इसका लक्ष्य हर भारतीय तक डिजिटल तरीके से इनवेस्टमेंट सॉल्यूशंस मुहैया कराना है. कंपनी को इन नए व्यवसाय को शुरू करने के लिए सेबी से अलग लाइसेंस लेना होगा.
म्यूचुअल फंड में एंट्री के लिया किया था करार
जियो और ब्लैकरॉक के इस ज्वाइंट वेंचर की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब म्यूचुअल फंड (MF) के लिए उनका पिछला ज्वाइंट वेंचर लाइसेंस के लिए रेगुलेटर से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहा है. इस ज्वाइंट वेंचर ने अक्टूबर 2023 में म्यूचुअल फंड व्यवसाय के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को अपना आवेदन पेश किया था. दोनों कंपनियों ने जुलाई 2023 में भारत में 50 ट्रिलियन रुपए से ज्यादा के म्यूचुअल फंड मार्केट में दाखिल होने के लिए करार किया था. दोनों कंपनियों ने भारत में एसेट मैनेजमेंट बिजनेस के लिए 150 मिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की थी.
50 फीसद से ज्यादा संपत्ति को मैनेज करती हैं ये कंपनियां
जेफ़रीज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार संस्थागत प्लेटफ़ॉर्म भारत के हाई नेटवर्थ लोगों के स्वामित्व वाली 1-1.2 ट्रिलियन डॉलर वित्तीय संपत्तियों में से 50 प्रतिशत से अधिक का प्रबंधन करते हैं. जबकि इसका एक तिहाई हिस्सा बैंकों की ओर से मैनेज किया जाता है. वहीं 12-14 प्रतिशत संपत्ति भारतीय एसेट मैनेजरों की ओर से मैनेज की जाती है. इसके अलावा ज्वाइंटर वेंचर बैंक के नेतृत्व वाली वेल्थ मैनजमेंट, फर्मों और बीएनपी पारिबा वेल्थ मैनेजमेंट, 360 वन, नुवामा और एवेंडस जैसी अन्य कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करता है.