वैश्विक मंदी के चलते पिछले कुछ महीनों में आईटी सेक्टर में होने वाली भर्ती में भारी गिरावट देखने को मिली है. कंपनियों ने अपनी नियुक्ति प्रक्रिया को धीमा कर दिया है, जिसके चलते पिछले 12 महीने की कुल आईटी भर्ती वृद्धि दर 40 फीसद के उच्चतम स्तर से घटकर 14 फीसद पर पहुंच गई है. ये भर्ती का सबसे निचला स्तर है. अमेरिका स्थित आईटी विश्लेषक फर्म आईएसजी के अनुसार, भर्ती का प्रतिशत 2017-2019 के औसत 21 प्रतिशत से भी काफी कम है.
जानकारों के मुताबिक कंपनियों ने प्रवेश स्तर पर नियुक्तियों में देरी कर रहे हैं, जबकि छंटनी का दौर लगातार जारी है. ऐसे में पिछले 12 महीनों के भीतर फर्म में काम शुरू करने वाले कर्मचारियों का प्रतिशत अब उसी स्तर पर पहुंच गया है जो महामारी के सबसे निचले स्तर पर था. महामारी से पहले कंपनियां भविष्य की मांग को देखते हुए एंट्री लेवल के कर्मचारियों की भर्ती करते थे. इसके लिए वे कैंपस-आधारित भर्ती पर बहुत अधिक निर्भर थे. वहीं कोरोना काल के दौरान बहुत-सी कंपनियों ने अनुभवी कर्मचारियों की तेजी से नियुक्ति की, जिससे जल्द से जल्द काम को पूरा किया जा सके. इस दौरान आईटी सेक्टर में करीब 40 फीसद का उछाल देखने को मिला.
हालांकि पिछले एक साल में जरूरी खर्च में कमी के साथ, आईटी सेवाओं की तेजी कम हो गई है. जिसके चलते आईटी सेक्टर में सभी स्तरों पर नियुक्तियों में धीमी रफ्तार देखने को मिली. आईएसजी के अनुसार वार्षिक रूप से नौकरी छोड़ने की दर 14.3 प्रतिशत है, जो दूसरी तिमाही के 14.6 प्रतिशत से कम है और 2017-2019 के औसत 15.9 प्रतिशत से कम है.