पिछले एक साल में पैसिव फंड के परफॉरमेंस ने निवेशकों को इन फंड की ओर आकर्षित किया है. वित्त वर्ष 2024 के दौरान पैसिव फंड ने लगभग 35% का औसत रिटर्न दर्ज किया और यही कारण है कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के मैनेजमेंट के तहत एसेट्स (एयूएम) पिछले एक साल में 5.07 लाख करोड़ से बढ़कर 6.95 लाख करोड़ हो गई हैं. वास्तव में, छोटे शहरों और कस्बों से पैसिव फंड निवेशकों की संख्या में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है.
पैसिव फंड एक बेंचमार्क इंडेक्स को ट्रैक करते हैं और उस जैसा परफॉरमेंस देने की कोशिश करते हैं. पैसिवली मैनेज किए जाने वाले फंड में पैसिव इंडेक्स फंड, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश करने वाले फंड ऑफ फंड शामिल होते हैं. ये फंड एक बेंचमार्क का पालन करते हैं और बेंचमार्क के साथ मिलकर रिटर्न देने का लक्ष्य रखते हैं. उदाहरणों में निफ्टी 50 इंडेक्स, निफ्टी मिडकैप 150 ETF आदि शामिल हैं. अपनी सरलता को देखते हुए, पैसिव फंड युवाओं के लिए एक बेहतर एंट्री पॉइंट्स हैं, जो सक्रिय रूप से चुनने के बजाय मार्केट फ्लो के साथ चलना पसंद करते हैं.
पैसिव फंड की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, म्यूचुअल फंड हाउस ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न देने के लिए निफ्टी 50 इंडेक्स को अब अलग नजरिए से देखना शुरू कर दिया है. निप्पॉन इंडिया निफ्टी 50 वैल्यू 20 इंडेक्स फंड इसका एक उदाहरण है. यह फंड निफ्टी 50 इंडेक्स का हिस्सा बनने वाली वैल्यू कंपनियों के विविध पोर्टफोलियो के व्यवहार और परफॉरमेंस को दर्शाने के लिए बनाया गया है. इसमें NSE पर लिस्टेड 20 सबसे अधिक लिक्विड वैल्यू ब्लू चिप कंपनियां शामिल हैं. इंडेक्स के शीर्ष 20 शेयरों को चुनकर, फंड ने 34.26% का रिटर्न दिया है, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स ने सिर्फ 26.27% का रिटर्न दिया है. इस इंडेक्स की खूबसूरती यह है कि यह निफ्टी 50 के यूनिवर्स से स्टॉक्स चुनता है, वो भी एक विशेषता के साथ .
श्री हरि फाइनेंशियल सर्विसेज के संजय पटेल के अनुसार, “पैसिव इन्वेस्टमेंट एक निवेशक को दोहरा लाभ उठाने का मौका देता है. पहला, यह कुछ फ़ैक्टर्स के आधार पर सही स्टॉक चुनता है और दूसरा, यह उन्हें इंडेक्स फंड फॉर्मैट में रखता है.” इस प्रकार के स्मार्ट बीटा सूचकांकों में निवेश काफी लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि निवेशकों को कम लागत का लाभ मिल रहा है.