भारत के दवा नियामक सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. CDSCO का कहना है कि देश में दवा बनाने में बड़े स्तर पर इंडस्ट्रियल ग्रेड केमिकल्स (industrial grade excipients) का इस्तेमाल किया जा रहा है. ये ऐसे केमिकल्स हैं जो मानव उपयोग के लिए हानिकारक हैं. यह चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब CDSCO ने अंतरराष्ट्रीय शिकायतों के बाद जांच और कई निरीक्षण किए.
दवा कंपनियां एपीआई के साथ फार्मा ग्रेड केमिकल्स (Excipients) को मिला कर ही दवाओं का निर्माण करती हैं. वर्तमान में करीब 70 फीसदी फार्मा ग्रेड केमिकल्स का आयात किया जाता है. CDSCO ने अपनी जांच में पाया कि बिना लाइसेंस वाले ट्रेडर्स दवा निर्माताओं को विभिन्न देशों से आयात किए गए इंडस्ट्रियल ग्रेड जिलेटिन, प्रोपीलेन ग्लाइकोल और अन्य केमिकल की आपूर्ति कर रहे हैं.
ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत, दवा निर्माण में केवल फार्मा ग्रेड एक्सीपिएंट्स के इस्तेमाल को मंजूरी है. औषधि सलाहकार समिति (DCC) ने इस नियम का कठोरता से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरणों को एडवाइजरी जारी करने की सिफारिश की है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले दवा निर्माताओं को दवा फॉर्मूलेशन के निर्माण में केवल फार्मा ग्रेड एक्सीपिएंट्स का उपयोग करने का निर्देश दें.
जांच में पता चला है कि मानव उपयोग के लिए अनुपयुक्त कम लागत वाले इंडस्ट्रियल व टेक्नीकल ग्रेड जिलेटिन का आयात बड़ी मात्रा में किया जा रहा है. मुख्यता चीन से आने वाले इस इंडस्ट्रियल जिलेटिन को अनाधिकृत ट्रेडर्स द्वारा कैप्सूल निर्माताओं को बेचा जाता है, जो इसे भारत में बने उच्च गुणवत्ता वाले जिलेटिन में मिलाकर कैप्सूल का निर्माण करते हैं.
DCC ने बताया कि उसे फार्मास्यूटिकल एक्सीपिएंट्स में मिलावट की कई सूचनाएं मिली हैं. पैनल को यह भी पत चला है कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट एंड रूल्स के तहत बिना रजिस्ट्रेशन वाले ट्रेडर्स ग्लीसरीन, प्रोपलीन ग्लाइकोल और आइसोप्रोपाइल एल्कोहल (आईपीए) सहित कई एक्सीपिएंट्स का इंडस्ट्रियल ग्रेड में आयात करते हैं और इन्हें दवा कंपनियों को बेचते हैं.
दवा नियामक को इस बात की शिकायत मिली थी कि चीन से आयात होने वाला टेक्नीकल या इंडस्ट्रियल ग्रेड जिलेटिन का इस्तेमाल सॉफ्ट और हार्ड दोनों कैप्सूल का निर्माण करने में किया जा रहा है. टेक्नीकल जिलेटिन मानव उपभोग के लिए प्रतिबंधित है, क्योंकि इसमें जहरीले तत्व, क्रोमियम के यौगिक आदि उपस्थित होते हैं.
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