नए गंतव्यों की खोज और रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने जैसी पहलों के दम पर कपड़ा निर्यात 2030 तक 40 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. यह बात एईपीसी ने शुक्रवार को कही.
भारतीय कपड़ा निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन नरेन गोयनका ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए परिषद नवाचार, बाजार तथा उत्पादों के विस्तार और पर्यावरण के अनुकूल व्यापार गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमने 2030 तक 40 अरब अमेरिकी डॉलर का परिधान निर्यात हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है. इसे ‘30 में 40’ नाम दिया गया है. यह वर्तमान दशक में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने और सीमाओं को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
गोयनका ने कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल नौ दिसंबर को यहां तैयार कपड़ों (रेडीमेड) के निर्यातकों को निर्यात पुरस्कार प्रदान करेंगे. यह पुरस्कार आधुनिक उद्यमों के निर्माण में भारतीय परिधान निर्यातकों द्वारा किए गए योगदान को मान्यता देता है.
गोयनका ने कहा कि हमारे अंतरराष्ट्रीय व्यापार की वृद्धि में योगदान देने के अलावा, इन निर्यातकों ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार समुदाय के एक प्रगतिशील सदस्य के रूप में भारत की बेहतर छवि बनाने में योगदान दिया है. ये भारतीय निर्यातकों की भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं.
वित्त वर्ष 2023-24 के अप्रैल-सितंबर में तैयार कपड़ों का निर्यात 6.92 अरब अमेरिकी डॉलर था, जो एक साल पहले की अवधि से 15.3 प्रतिशत कम है। वित्त वर्ष 2022-23 में निर्यात कुल 16.2 अरब अमेरिकी डॉलर था.