प्याज की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिसके चलते औसत खुदरा कीमत 57 प्रतिशत बढ़कर 47 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है. ऐसे में ग्राहकों को राहत देने के लिए केंद्र ने ‘बफर स्टॉक’ से बिक्री बढ़ाने का फैसला किया है. जिसके तहत लागों को खुदरा बाजारों में 25 रुपए प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज मुहैया कराया जाएगा.
आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में शुक्रवार को प्याज की खुदरा कीमत 40 रुपए प्रति किलोग्राम थी, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 30 रुपए प्रति किलोग्राम थी. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि सरकार अगस्त से ‘बफर स्टॉक’ से प्याज दे रही है. साथ ही कीमतों में हो रही और वृद्धि को रोकने एवं उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बिक्री बढ़ाई जा रही है.
मंत्रालय के अनुसार, जिन राज्यों में कीमतों में तेज वृद्धि हो रही है वहां थोक और खुदरा दोनों बाजारों में ‘बफर स्टॉक’ से प्याज दिया जा रहा है. अगस्त के मध्य से 22 राज्यों में विभिन्न स्थानों पर ‘बफर स्टॉक’ से करीब 1.7 लाख टन प्याज दिया गया. खुदरा बाजारों में प्याज को दो सहकारी निकायों भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) की दुकानों तथा वाहनों के जरिए 25 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर बेचा जा रहा है. मंत्रालय ने एनसीसीएफ और एनएएफईडी के जरिए पांच लाख टन का ‘बफर स्टॉक’ बनाए रखा है. आने वाले दिनों में अतिरिक्त दो लाख टन प्याज खरीदने की योजना है. सरकार ने चालू वर्ष 2023-24 में प्याज के लिए ‘बफर स्टॉक’ को दोगुना किया है. इससे घरेलू उपलब्धता में सुधार होगा और आने वाले दिनों में प्याज की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.
क्यों बढ़े प्याज के दाम?
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मौसम संबंधी कारणों से खरीफ प्याज की बुआई में देरी हुई. जिसके कारण कम फसल हुई और नई फसल की आवक में दरी हुई. ताजा खरीफ प्याज की आवक अब तक शुरू नहीं हुई है. भंडारण में प्याज खत्म होने और खरीफ प्याज के आगमन में देरी के कारण आपूर्ति की स्थिति खराब है, जिसके चलते थोक और खुदरा दोनों बाजारों में कीमतें बढ़ रही हैं.