भारतीय कंपनियां लगभग आधे साइबर हमलों को रोकने में असमर्थ हैं क्योंकि 64 प्रतिशत साइबर सुरक्षा टीमें सक्रिय रुख अपनाने के लिए गंभीर घटनाओं से लड़ने में बहुत व्यस्त हैं. एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
कोलंबिया की एक साइबर सुरक्षा कंपनी टेनेबल द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया, ‘कम से कम 78 प्रतिशत भारतीय उत्तरदाताओं का मानना है कि उनके संगठन साइबर सुरक्षा के अधिक संसाधनों के साथ साइबर हमलों से बेहतर बचाव कर सकते हैं, लेकिन 10 में से सात (71 प्रतिशत) संगठनों का कहना है कि उनकी आईटी टीमें समस्या सुलझाने और उसके निदान की तुलना में क्रियान्वयन के बारे में अधिक चिंतित हैं.’
रिपोर्ट के अनुसार, असमानता के कारण दोनों टीमों के बीच समन्वय की कमी होती है, इस चुनौती को 43 प्रतिशत भारतीय संगठनों ने स्वीकार किया है. यह रिपोर्ट इसी साल हुए एक ऑनलाइन अध्ययन पर आधारित है, जिसमें 825 सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और साइबर सुरक्षा पेशेवर शामिल हुए थे। इनमें 69 प्रतिशत प्रतिभागी भारतीय थे. दस में से आठ प्रतिभागियों (81 प्रतिशत) ने कहा कि उनके संगठन एसएएएस ऐप और सेवाओं के लिए ‘थर्ड पार्टी’ प्रोग्राम का उपयोग करते हैं.