भारतीय कॉफी निर्यातकों को चिंता सता रही है कि देश में रोबस्टा कॉफी की कीमतों में मौजूदा उछाल को देखते हुए ग्राहक अफ्रीका और एशिया के अन्य देशों की ओर रुख कर सकते हैं. गौरतलब है कि शीर्ष कॉफी उत्पादक देश वियतनाम में मौसम की वजह से सप्लाई बाधित होने से रोबस्टा कॉफी का वैश्विक भाव 3 दशक के उच्चतम स्तर पर है. भारतीय रोबस्टा कॉफी का दाम अन्य देशों के रोबस्टा की तुलना में महंगा है. मौजूदा समय में लंदन टर्मिनल पर भारतीय रोबस्टा पार्चमेंट एबी का भाव करीब 700-750 डॉलर प्रति टन के प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है. इसी तरह रोबस्टा चेरी एबी का प्रीमियम भी करीब 350-400 डॉलर प्रति टन है. दिसंबर के आखिर से रोबस्टा पार्चमेंट का भाव 27 फीसद बढ़ गया है, जबकि रोबस्टा चेरी की कीमतों में करीब 16 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
कॉफी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट रमेश राजा के मुताबिक रोबस्टा कॉफी की ऊंची कीमत को लेकर खरीदारों ने प्रतिरोध दिखाना शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि कीमतों में बढ़ोतरी एक दोधारी तलवार है. हालांकि अल्प अवधि में उत्पादकों के लिए यह अच्छा है, लेकिन लंबे समय में जोखिम यह है कि कई रोस्टर्स रोबस्टा पार्चमेंट के इस्तेमाल को हटाने का फैसला कर सकते हैं और अन्य दूसरी कॉफी की ओर रुख कर सकते हैं. उनका कहना है कि भारतीय कॉफी की तुलना में अफ्रीका, इंडोनेशिया और वियतनाम की कॉफी सस्ती है.
चालू कैलेंडर वर्ष में 13 मार्च तक भारत का कॉफी निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 16 फीसद बढ़कर 94,444 टन दर्ज किया गया है. पिछले साल की समान अवधि में कॉफी निर्यात 81,398 टन हुआ था. वहीं भारत में उगाई गई कॉफी का निर्यात 17 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 75,559 टन दर्ज किया गया, जबकि पिछले साल इस दौरान यह आंकड़ा 64,670 टन का था.