बोइंग के वाणिज्यिक विपणन उपाध्यक्ष डैरेन हल्स्ट ने शुक्रवार को कहा कि आवाजाही बढ़ने की वजह से भारत को 2042 तक 2,500 से अधिक नए विमानों की आपूर्ति की आवश्यकता होगी.
हल्स्ट ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बढ़ती यात्री और मालवाहक मांग को पूरा करने के लिए दक्षिण एशियाई कंपनियों के अगले दो दशकों में अपने बेड़े के आकार को चौगुना करने का अनुमान है। वृद्धि और बेड़े प्रतिस्थापन से निपटने के लिए उन्हें 2,705 से अधिक नए विमानों की जरूरत होगी.
उन्होंने संवादाताओं से कहा, ‘‘2042 तक उसमें से 92 प्रतिशत से अधिक यानी 2,705 में से 2,500 से अधिक की जरूरत भारत को होगी। यह पिछले वर्ष के मध्य में किए गए अनुमान पर आधारित है.’’
हल्स्ट ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि यहां (भारत सहित दक्षिण एशिया) विमानन कंपनियों को वर्ष 2042 तक 2,700 से अधिक विमानों की आपूर्ति की आवश्यकता होगी.’’
बोइंग के अनुसार, भारत एशिया में एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था, एक बड़ा बाजार है जो मांग के मामले में घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच चुका है.
उन्होंने साथ ही कहा कि उम्मीद है कि भारत का मालवाहक बेड़ा अगले 20 वर्षों में 80 हवाई जहाजों तक पहुंच जाएगा, जबकि अभी इसमें केवल 15 मालवाहक विमान हैं.
अमेरिका में हाल ही में बोइंग विमान का दरवाजा हवा में उड़ जाने की घटना से विमान की आपूर्ति में देरी के सवाल पर हल्स्ट ने कहा, ‘‘हमें नहीं लगता कि इससे कोई देरी होगी.’’