देशभर में करीब 9 लाख से ज्यादा आशा वर्कर काम कर रही हैं. गांव के बच्चों का टीकाकरण से लेकर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लेकर जाने जैसी जिम्मेदारियां आशा वर्कर को दी जाती है. हालांकि अकसर आशा वर्कर की शिकायत रहती है कि बिना वेतन में बढ़ोतरी किए उनके काम में इजाफा किया जा रहा है. हाल ही में अलग-अलग राज्यों में आशा वर्कर हड़ताल पर भी थी. इसका मुख्य कारण उनकी कम सैलरी था. क्या आपको पता है देश के हर गांव में जी तोड़ मेहनत करने वाली आशा वर्कर को कितने पैसे मिलते हैं. सरकार ने इससे जुड़ी जानकारी संसद में दी है.
सरकारी आंकड़े के अनुसार आमतौर पर एक आशा वर्कर को हर महीने 2000 रुपये का निश्चित वेतन मिलता है. इसके अलावा आशा वर्कर की ज्यादातर कमाई इनसेंटिव के रूप में होती है. इस हिसाब से अलग-अलग राज्यों में आशा वर्कर को अलग-अलग मानदेय मिलता है. मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ में स्टेट एंड फेमिली वेलफेयर में राज्य मंत्री ने बताया कि आंध्र प्रदेश में आशा वर्कर को 10 हजार रुपए महीने का इन्सेन्टिव दिया जाता है. वहीं मणिपुर और ओडिशा में वर्कर को 1000 रुपए का इन्सेन्टिव दिया जाता है.
अलग-अलग राज्यों में आशा वर्कर को दियए जाने वाल इन्सेन्टिव कुछ इस प्रकार है:
असम: 1000 रुपए प्रति महीना
बिहार: 1000 रुपए प्रति महीना
दिल्ली 3000 रुपए प्रति महीना
हिमाचल प्रदेश: 2750 रुपए प्रति महीना
केरल: 6000 रुपए प्रति महीना
कर्नाटक:5000 रुपए प्रति महीना
मेघालय: 2000 रुपए प्रति महीना
महाराष्ट्र: 3500 रुपए प्रति महीना
पंजाब: 2500 रुपए प्रति महीना
राजस्थान: 3564 रुपए प्रति महीना
सिक्किम: 6000 रुपए प्रति महीना
तेलंगाना: 7500 रुपए प्रति महीना
उत्तर प्रदेश: 1500 रुपए प्रति महीना
पश्चिम बंगाल: 4500 रुपए प्रति महीना