भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की निगाहें इन दिनों आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) पर है. सेबी आईसीआईसीआई बैंक के कर्मचारियों की तरफ से आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) के शेयरधारकों को प्रभावित करने के आरोपों की जांच कर रहा है. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयरधारकों का आरोप है कि बैंक कर्मचारियों ने उन्हें वोट के सिलसिले में संपर्क किया, साथ ही उन्हें बरगलाने की कोशिश की. इसे लेकर सिक्योरिटीज के के 500 से ज्यादा शेयरधारकों ने सेबी के पास कई शिकायतें दर्ज करने के लिए व्हाट्सऐप और सोशल मीडिया का सहारा लिया था. इससे पहले उन्होंने एनसीएलटी का भी दरवाजा खटखटाया था.
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने अपनी ब्रोकिंग यूनिट आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) को डीलिस्ट करने और बैंक में इसका मर्जर करने की योजना बनाई है. हालांकि, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के ज्यादातर शेयरहोल्डर्स इसका विरोध कर रहे हैं. उनके मुताबिक इस मर्जर में कई खामियां हैं जिसका बुरा असर शेयरधारकों पर पड़ेगा. डीलिस्टिंग को लेकर वोटिंग प्रक्रिया का सहारा लिया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बेंगलुरु स्थित फंड मैनेजर और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में अल्पसंख्यक शेयरधारक मनु ऋषि गुप्ता का आरोप है कि बोर्ड बैठक से पहले, ICICI Securities और ICICI Bank दोनों के पूर्व रिटेल शेयरहोल्डर्स तक पहुंच रहे थे. इतना ही नहीं उन्हें मर्जर के पक्ष में मतदान करने के लिए राजी किया गया था. इन कार्रवाइयों के कारण अल्पसंख्यक शेयरधारकों के डेटा से भी समझौता किया गया है क्योंकि ये कॉल आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से किए गए थे न कि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की तरफ से.
इन प्लेटफॉर्मों पर दर्ज की शिकायत
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अल्पसंख्यक निवेशकों ने सेबी के पास 60-70 शिकायतें दर्ज की हैं. इसके अलावा स्कोर्स प्लेटफॉर्म पर भी शिकायत की गई है. बता दें SCORES शिकायत दर्ज करने के लिए सेबी का ऑनलाइन मंच है. आरोपों में सबसे अहम है शेयरधारकों से संबंधित डेटा गोपनीयता का उल्लंघन. इसके अलावा वह मूल्यांकन भी शामिल है जिस पर कंपनी को डीलिस्टिंग के लिए रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक सेबी वर्तमान में कई शिकायतों की समीक्षा कर रहा है. पुख्ता सबूत मिलने के बाद सेबी जांच शुरू कर देगा.
मार्च में हुई थी वोटिंग
अल्पसंख्यक शेयरधारकों ने 27 मार्च को आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को उसके मूल आईसीआईसीआई बैंक के साथ पूरी तरह मर्ज करने के लिए आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को डीलिस्ट करने के पक्ष में मतदान किया था. वर्तमान में, बैंक के पास ब्रोकरेज फर्म में 74.73 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि सार्वजनिक शेयरधारकों के पास बचे हुए शेयर है. हालांकि कई खुदरा शेयरधारकों ने जिनके पास सामूहिक रूप से कंपनी की लगभग 6 प्रतिशत हिस्सेदारी है, उस मूल्यांकन के संबंध में आपत्तियां जताई जिस पर डीलिस्टिंग का प्रस्ताव किया गया था. योजना के अनुसार, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के शेयरधारकों को ब्रोकरेज फर्म में उनके प्रत्येक 100 शेयरों के लिए आईसीआईसीआई बैंक के 67 शेयर मिलने थे.
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