देश में नई हायरिंग की रफ्तार सुस्त देखी गई. यही वजह है कि नवंबर में भारत में नियुक्ति गतिविधि में एक साल पहले की तुलना में 10% और क्रमिक रूप से 2% की गिरावट देखने को मिली है. ये बात जॉब-लिस्टिंग प्लेटफॉर्म फाउंडिट के इनसाइट्स ट्रैकर की ओर से जारी डेटा में सामने आई है. इसकी वजह से नवंबर 2022 में सूचकांक 277 से गिरकर पिछले महीने 249 पर आ गया.
फाउंडिट के मुख्य कार्यकारी शेखर गरिसा ने एक बयान में कहा कि ओवरऑल भर्ती गतिविधि कम हो गई है, लेकिन आर्थिक संभावनाएं वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के मुकाबले अभी भी बेहतर है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में नौकरी बाजार की स्थिति में सुधार होगा, जिसके परिणामस्वरूप अधिक स्थिरता और विकास होगा.
नई नौकरियों के अकाल के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र और रक्षा उद्योगों में भर्ती में तेजी देखने को मिली. सरकारी नीतियों, ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मानिर्भर भारत योजना जैसी पहलों के कारण इन क्षेत्रों में नियुक्तियों में 14% की वृद्धि हुई है.
डेटा के अनुसार टियर-2 शहर रोजगार के मामले में मजबूत हो रहे हैं, जिसमें कोयंबटूर नियुक्ति में 13% की वृद्धि के साथ सबसे आगे है. वहीं कोच्चि में महीने-दर-महीने नियुक्ति गतिविधि में 4% की वृद्धि देखी गई है. इसके बाद जयपुर में नौकरी के अवसरों में 2% की वृद्धि हुई है. हालांकि कोलकाता, मुंबई और पुणे जैसे कुछ शहरों में नियुक्ति प्रतिशत में गिरावट का सामना करना पड़ा, जिसमें क्रमशः 5%, 6% और 4% की गिरावट दर्ज की गई है. हैदराबाद (-1%), अहमदाबाद (-1%), दिल्ली-एनसीआर (-1%) और चेन्नई (-2%) सहित कई शहरों ने मामूली गिरावट देखी गई, जो धीमी वृद्धि को दर्शाता है.
कुछ क्षेत्रों में भर्ती में तेजी देखने को भी मिली, इनमें लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति श्रृंखला शामिल हैं. इनमें 6% की वृद्धि के साथ सूची में सबसे ऊपर हैं, जबकि वित्त और लेखा क्षेत्र में मांग में 5% की वृद्धि देखी गई, जिसमें वित्तीय विश्लेषण, जोखिम प्रबंधन, अनुपालन में विशेषज्ञता शामिल है.