आम चुनाव से पहले सरकार भारत ब्रांड के तहत आटा-दाल और चावल की सप्लाई बढ़ाने पर विचार कर रही है. सरकार चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपने सस्ते खाद्य उत्पादन पहुंचाना चाहती है. इसके लिए हर विधानसभा क्षेत्र में भारत ब्रांड के तहत रियायती दरों पर आटा, चावल और दाल को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है ताकि चुनाव में महंगाई के मोर्चे पर सरकार को थोड़ी राहत मिल सके.
सरकारी एजेंसियों केंद्रीय भंडार, नाफेड और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) के जरिए हर महीने 3,00,000-4,00,000 मीट्रिक टन चावल और आटा की बिक्री के लिए कहा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकारी अधिकारियों का कहना है कि चावल और आटा के अतिरिक्त दालों पर भी उतना ही जोर दिए जाने की जरूरत है. बता दें कि उत्पादन में कमी की वजह से पिछले साल गेहूं, चावल, दलहन, प्याज और टमाटर जैसी कई जरूरी वस्तुओं की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी और यही वजह रही कि पूरे साल खाद्य महंगाई का स्तर ऊंचा बना रहा. सरकार ने बाद में खाद्य महंगाई से निपटने के लिए इन उत्पादों की बिक्री खुले बाजार में शुरू कर दी.
सरकार ने तुअर दाल की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए जुलाई 2023 में भारत ब्रांड के तहत रियायती दर पर चना दाल की बिक्री शुरू की थी. इसके अलावा महंगाई पर लगाम लगाने के लिए नवंबर 2023 में भारत आटा और फरवरी 2024 में भारत चावल को भी शुरू किया गया था. गौरतलब है कि भारत ब्रांड के उत्पादों की कीमत बाजार में उपलब्ध उत्पाद की तुलना में काफी कम है.
भारत ब्रांड के चावल की बिक्री 29 रुपये प्रति किलोग्राम पर की जाती है, जबकि अन्य ब्रांडेड चावल की बिक्री 40-110 रुपये प्रति किलोग्राम पर हो रही है. इसी तरह भारत आटा और भारत चना दाल की बिक्री क्रमशः 27.5 रुपये और 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर की जाती है. वहीं अन्य ब्रांडेड आटा 40 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा और चना दाल 100 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा के भाव पर बेची जा रही है.