प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में आगामी विधान सभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार ने रबी मार्केटिंग वर्ष 2024-25 के लिए प्रमुख रबी फसल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने की घोषणा की है. गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 150 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. अप्रैल से शुरू होने वाले रबी मार्केटिंग वर्ष 2024-25 के दौरान किसानों से गेहूं की खरीद अब 2275 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर की जाएगी. मार्केटिंग वर्ष 2023-24 के दौरान गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल था. इस मूल्य पर किसानों से सरकार ने 262 लाख टन गेहूं खरीदा है.
2014 के बाद गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में यह अबतक की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है. गेहूं का एमएसपी बढ़ाने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में लिया गया.
इंफोर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्टर अनुराग ठाकुर ने बताया कि सीएसीपी के सुझाव के आधार पर, सरकार ने छह रबी फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया है. गेहूं प्रमुख रबी फसल है, जिसकी बुवाई अक्टूबर से शुरू होती है और इसकी कटाई अप्रैल में की जाती है. एमएसपी वह न्यूनतम कीमत है जो किसानों को मिलती है. एमएसपी से नीचे सरकारी एजेंसियां गेहूं की खरीद नहीं कर सकती हैं.
केंद्रीय कैबिनेट ने गेहूं के अलावा सरसों, चना, जौ, सैफ्लॉवर और मसूर के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को भी मंजूरी दी है. सरसों का समर्थन मूल्य 200 रुपए बढ़कर 5650 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है और सैफ्लॉवर का समर्थन मूल्य 150 रुपए बढ़कर 5800 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है.
दलहन में चने का समर्थन मूल्य 105 रुपए बढ़कर 5440 रुपए प्रति क्विंटल किए जाने को मंजूरी दी गई है और मसूर के समर्थन मूल्य में 425 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी मिली है, मसूर का समर्थन मूल्य बढ़कर अब 6425 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है. सरकार किसानों से जब भी इन फसलों की खरीद करेगी तो खरीद इसी समर्थन मूल्य पर होगी
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