इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर ग्राहकों को अब वारंटी उनके इस्तेमाल के तारीख से मिलेगी. अभी तक उत्पादों पर वारंटी की गणना सामान खरीदे जाने की डेट से होती थी, लेकिन अब केंद्र सरकार ने वारंटी या गारंटी नीति को संशोधित करने को कहा है. इसके तहत वारंटी इलेक्ट्रॅनिक वस्तुओं को घर में लगाए जाने की तारीख से शुरू करने को कहा है.
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने इस सिलसिले में भारतीय उद्योग परिसंघ , फिक्की, एसोचैम और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री सहित छह उद्योग मंडलों के साथ-साथ कई मैन्यूफैचरर्स को पत्र लिखा है. इनमें सैमसंग, एलजी, पैनासोनिक, ब्लू स्टार, केंट, व्हर्लपूल, वोल्टास, बॉश, हैवेल्स , फिलिप्स, तोशिबा, डाइकिन, सोनी, हिताची, आईएफबी, गोदरेज, हायर, यूरेका फोर्ब्स और लॉयड शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि जब उपभोक्ता उत्पाद का उपयोग कर पाने की स्थिति में नहीं है, ऐसे समय वारंटी या गारंटी अवधि शुरू करना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत एक अनुचित व्यापार गतिविधि है. सचिव ने अपने बयान में यह भी कहा कि ये त्योहारों का समय है. बाजार में उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ेगी. ऐसी अवधि में यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने जो उपभोक्ता सेवा का संदेश दिया है, कंपनियां उसे ध्यान में रखें ताकि त्योहारों के समय खरीदारी के दौरान उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा सके.
सिंह ने उद्योग, खुदरा कारोबारियों के संगठनों और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के मैन्यूफैचर्स को लिखे पत्र में रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर, वॉशिंग मशीन आदि की बिक्री वारंटी या गारंटी नीति को संशोधित करने की सलाह दी है. बयान में कहा गया है, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं को घरों में आमतौर पर प्रशिक्षित तकनीशियन लगाते हैं. ऐसे में जबतक उन्हें परिसर में सही ढंग से इंस्टाॅल नहीं किया जाता है, तब तक उपभोक्ता ऐसे सामानों का उपयोग करने में असमर्थ होते हैं. यह देखा गया है कि इससे कुल वारंटी अवधि कम हो जाती है. अगर उपभोक्ता को उस समय वारंटी दी जाए, जिस समय पह संबंधित वस्तु का उपयोग करता है तो यह उसके हित में होगा.