सरकार ने आज से सस्ते चावल की बिक्री शुरू कर दी है. भारत ब्रांड से बाजार में पेश किए गए इन चावलों को सरकार महज 29 रुपए के भाव पर बेच रही है. यह चावल पांच किलो और 10 किलोग्राम की पैकिंग में उपलब्ध है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि खाद्य मंत्री पीयूष गोयल राष्ट्रीय राजधानी के कर्त्तव्य पथ पर भारत चावल लॉन्च करने वाले हैं.
भारतीय खाद्य निगम (FCI) दो सहकारी समितियों, नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) के साथ-साथ केंद्रीय भंडार को 5 लाख टन चावल बांटेगा.
ये एजेंसियां चावल को 5 किलो और 10 किलो में पैक करेंगी और “भारत” ब्रांड के तहत अपने आउटलेट के जरिए खुदरा बिक्री करेंगी. चावल को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए भी बेचा जाएगा. खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के जरिए थोक में खरीदने वालों की तरफ से FCI को फीकी प्रक्रिया मिली थी. इसके बाद सरकार ने समान रेट पर चावलों की रिटेल बिक्री कर रही है.
सरकार को उम्मीद है कि उसे “भारत चावल” के लिए भी अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी, जैसा कि उसे “भारत आटा” के लिए मिल रही है. इन्हीं एजेंसियों के जरिए सरकार की तरफ से भारत आटा 27.50 रुपए प्रति किलोग्राम और “भारत चना” 60 रुपए प्रति किलोग्राम पर बेचा जा रहा है.
निर्यात पर प्रतिबंध और 2023-24 में बंपर उत्पादन के बावजूद खुदरा कीमतें अभी भी नियंत्रण में नहीं आई हैं. सरकार ने जमाखोरी रोकने के लिए खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, प्रोसेसरों और बड़ी खुदरा श्रृंखलाओं से अपने स्टॉक का खुलासा करने को कहा है.
विशेषज्ञों ने कहा कि ऐसे समय में जब सरकार 80 करोड़ गरीब राशन कार्ड धारकों को मुफ्त FCI चावल दे रही है. ऐसे में FCI चावल महंगे नहीं हो सकते हैं क्योंकि FCI के पास भारी स्टॉक है और वह ओएमएसएस के माध्यम से अनाज बेचता है.
इसलिए, मुद्रास्फीति संभवतः चावल की गैर-FCI किस्मों से आ रही है, जिसका गरीब कम इस्तेमाल करते हैं और यह महंगाई के बारे में सही तस्वीर नहीं देता है.