केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अगले 4-5 माह में ‘भारत’ ब्रांड के तहत 15-15 लाख टन एफसीआई चावल और गेहूं का आटा (आटा) बेचने की उम्मीद है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने यह जानकारी साझा की है. सरकार तीन एजेंसियों – नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नाफेड), नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ) और केंद्रीय भंडार के माध्यम से भारत आटा और चावल की खुदरा बिक्री कर रही है.
पिछले साल नवंबर से शुरू हुई भारत आटा की बिक्री
सरकार ने कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए पिछले साल नवंबर से ‘भारत आटा’ की खुदरा बिक्री शुरू की, जबकि ‘भारत चावल’ की बिक्री छह फरवरी से शुरू हुई. सरकारी उपक्रम, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) इन एजेंसियों को खुदरा उद्देश्यों के लिए अनाज उपलब्ध करा रहा है. सचिव ने कहा कि भारत आटा की शुरुआत के बाद, बाजार में कीमतें स्थिर हैं… हम सोच रहे हैं कि जैसे आटे पर इसका प्रभाव पड़ा है, वैसे ही भारत चावल भी चावल कीमतों में नरमी सुनिश्चित करेगा.
चावल का दाम कम होने की संभावना
उन्होंने कहा कि भारत चावल की बिक्री की मात्रा फिलहाल कम है लेकिन आने वाले दिनों में इसमें तेजी आएगी. चोपड़ा ने कहा कि हम अगले 4-5 महीनों में 15 लाख टन चावल और 15 लाख टन गेहूं का आटा बिकने की उम्मीद कर रहे हैं. यह शुरुआती चरण है, मांग होने पर हम और आपूर्ति कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अब तक भारत ब्रांड के तहत लगभग 3.5 लाख टन गेहूं का आटा और 20,000 टन चावल बेचा जा चुका है. सचिव ने कहा कि चावल की कीमतें, जो साल-दर-साल आधार पर 15 प्रतिशत अधिक हैं, ‘भारत चावल’ की खुदरा बिक्री और मार्च से रबी फसल के आगमन के साथ कम होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि फिलहाल चावल को छोड़कर गेहूं, आटा, चीनी और खाद्य पदार्थ की कीमतें स्थिर हैं.