बंद पड़ी एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कौशिक खोना ने इस्तीफा दे दिया है. एयरलाइन की ओर से दिवालिया कार्यवाही के लिए मामला दायर किए जाने के लगभग सात महीने बाद खोना ने इस्तीफा दिया है. खोना ने एयरलाइन के कर्मचारियों को ई-मेल में बताया कि 30 नवंबर कंपनी में उनका आखिरी दिन है. वह अगस्त 2020 में सीईओ के रूप में गो फर्स्ट में लौटे थे.
खोना ने ई-मेल में कहा, ‘‘भारी मन से, मुझे कहना पड़ रहा है कि आज कंपनी के साथ मेरा आखिरी दिन है. मुझे अगस्त 2020 में एक बार फिर गो फर्स्ट के लिए काम करने का मौका मिला. आपके सक्षम और सक्रिय समर्थन से मैंने अपनी अच्छी क्षमताओं के साथ प्रदर्शन करने की कोशिश की.’’ इससे पहले, वह वर्ष 2008 से वर्ष 2011 तक इस एयरलाइन कंपनी के साथ थे.
उन्होंने पीटीआई को मिले ई-मेल में कहा कि “…निदेशक मंडल ने आईबीसी के तहत धारा 10 के लिए आवेदन दाखिल करने का फैसला किया और हमने अभी भी कंपनी को सर्वोत्तम समर्थन प्रदान करना जारी रखा है… हमें उम्मीद थी कि हम जल्द ही और कम से कम जून 2023 से परिचालन फिर से शुरू करेंगे लेकिन इसमें देरी हो गई”
धारा 10 दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत स्वैच्छिक दिवाला कार्यवाही से संबंधित है. उनके अनुसार, एयरलाइन के सभी कर्मचारियों ने सभी परिचालनों और विमानों के लिए ऑडिट करने के बाद संचालन को फिर से शुरू करने के लिए डीजीसीए की मंजूरी पाने के लिए ईमानदारी के साथ काम किया.
उन्होंने आगे कहा कि “दुर्भाग्य से, तमाम प्रयासों के बावजूद चीजें हमारे पक्ष में काम नहीं कर रही हैं. आरपी, सीओसी (लेनदारों की समिति) और वाडिया समूह सहित सभी से कई अनुरोधों और अभ्यावेदन के बावजूद हमें लगभग 6 महीने से वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया है.
कौशिक खोना ने कहा, कंपनी का काफी महत्व है लेकिन दुर्भाग्य से रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) को ऐसा कोई नहीं मिला जो इसे आगे ले जा सके. गो फर्स्ट ने मई की शुरुआत में उड़ान बंद कर दी और मुख्य रूप से प्रैट एंड व्हिटनी इंजन समस्याओं की वजह से वित्तीय संकट के बीच खुद से दिवाला कार्यवाही के लिए आवेदन किया था.
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