भारत के रत्न और आभूषण निर्यातकों ने सोमवार को आशंका जताई की इजराइल-हमास संघर्ष के कारण इजराइल के साथ कारोबार प्रभावित हो सकता है. कामा ज्वेलरी के प्रबंध निदेशक कोलिन शाह ने कहा कि युद्ध से इजराइल को भारतीय निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. भारत और इजराइल के बीच रत्न एवं आभूषण का कुल कारोबार 2022-23 में 2.04 अरब डॉलर रहा था, जबकि 2021-22 में यह 2.8 अरब डॉलर रहा था.
शाह ने कहा, “युद्ध इजराइल और एशिया में उसके दूसरे सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार भारत के बीच व्यापार को और अधिक प्रभावित करेगा.” मुंबई के निर्यातक और टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज इंडिया के संस्थापक चेयरमैन शरद कुमार सराफ ने कहा कि इजराइल-हमास युद्ध का भारतीय निर्यातकों पर कुछ समय के लिए प्रभाव पड़ सकता है.
सराफ ने कहा, “लेकिन अगर युद्ध बढ़ता है, तो उस क्षेत्र के हमारे निर्यातकों के लिए हालात और बिगड़ सकते हैं.” जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि अगर इजराइल के तीन सबसे बड़े बंदरगाहों – हाइफा, अशदोद और इलियट पर परिचालन बाधित होता है तो व्यापार गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है.
भारत से इजराइल में सबसे अधिक निर्यात तराशे और पॉलिश किए गए हीरे का होता है. इसके बाद प्रयोगशाला में विकसित हीरा आता है. इजराइल से भारत मुख्य रूप से कच्चे हीरे का आयात करता है. इजराइल के साथ भारत का वस्तुओं का कारोबार ज्यादातर लाल सागर पर स्थित इलियट बंदरगाह के माध्यम से होता है. भारत-इजराइल के बीच वस्तु और सेवा क्षेत्र में 2022-23 के दौरान कुल कारोबार 12 अरब डॉलर का होने का अनुमान है.