खाद्य सुरक्षा व मानक प्राधिकरण (FSSAI) पूरे भारत से नेस्ले के बेबी फूड सेरेलैक की जांच के लिए उसके सैंपल इकट्ठा कर रहा है. एक वैश्विक रिपोर्ट में नेस्ले के बेबी प्रोडक्ट्स में एक्स्ट्रा चीनी मिलाने के दावे के बाद, नियामक की ओर से यह कार्रवाई की जा रही है. अगले 15 से 20 दिनों में इसकी रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी.
FSSAI ने दी जानकारी
एफएसएसएआई की सीईओ जी कमला वर्धन राव ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि इस पूरी जांच प्रक्रिया को पूरा करने में 15 से 20 दिन का समय लगेगा. एफएसएसएआई स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है, जो खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच करती है.
रिपोर्ट में किया गया दावा
स्विस एनजीओ पब्लिक आई ने एक वैश्विक रिपोर्ट जारी की. इसमें दावा किया गया कि नेस्ले यूरोप के बाजारों की अपेक्षा भारत, अफ्रीका, लैटिन अमेरिकी देशों और कम विकसित दक्षिण एशियाई देशों में अधिक चीनी वाले बेबी प्रोडक्ट बेच रही है. ऐसे में यह प्रोडक्ट बच्चों के लिए हानिकारक हो सकते हैं.
NCPCR ने लिया संज्ञान
इस रिपोर्ट पर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने नेस्ले के शिशु खाद्य उत्पादों में ज्यादा चीनी मिलाने पर संज्ञान लिया. इसके बाद, FSSAI ने देश भर से इस प्रोडक्ट का सैंपल इकट्ठा कर बच्चों के लिए बनाए जा रहे प्रोडक्ट्स की जांच कर रहा है.
नेस्ले ने कही ये बात
हालांकि इस पूरे मामले पर नेस्ले इंडिया की ओर से दावा किया गया कि उसने नियमों के अनुपालन से कभी समझौता नहीं किया. कंपनी ने पिछले पांच सालों में भारत में बेबी प्रोडक्ट्स में चीनी की मात्रा में 30 फीसद तक की कमी की है. इन तमाम विवादों के बीच नेस्ले इंडिया का चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च में शुद्ध लाभ 27 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 934 करोड़ रुपये रहा. इससे पहले कंपनी का 2022-23 की चौथी तिमाही में शुद्ध मुनाफा 737 करोड़ रुपये रहा था.