भारत और ब्रिटेन के बीच लंबे समय से मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की तैयारी की जा रही है. यह प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है. भारत और ब्रिटेन प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) में घरेलू पेशेवरों को वीजा देने और ब्रिटिश इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को शुल्क में रियायत देने जैसे मुद्दों पर समाधान की उम्मीद है. इस समझौते पर इलेक्ट्रिक वाहनों पर सीमा शुल्क घटाने के साथ इसकी कीमतों में कटौती की भी उम्मीद है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है.
भारतीय अधिकारियों का दल पहुंचा ब्रिटेन
एफटीए से संबंधित इन मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच बने गतिरोध को दूर करने और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय अधिकारियों का एक दल ब्रिटेन पहुंचा हुआ है. अधिकारी ने जानकारी दी है कि दोनों देश इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए शुल्क दर कोटा (TRQ) की तरह की व्यवस्था करने के विकल्प को तलाश रहे हैं. टीआरक्यू व्यवस्था के तहत एक निर्धारित संख्या तक उत्पादों पर रियायती दर से आयात किये जाने की अनुमति होती है. अगर उससे अधिक संख्या होती है तो सामान्य शुल्क ही लगता है. इस दौरान सेवा क्षेत्र से संबंधित कुछ अन्य विषयों और ब्रिटिश व्हिस्की पर सीमा शुल्क में कटौती पर भी बातचीत होगी.
क्या है गतिरोध?
इस समझौते में बड़ा गतिरोध यह है कि ब्रिटेन की मांग है कि प्रस्तावित व्यापार समझौते में भारत उसके इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात पर सीमा शुल्क में रियायत दे, जबकि भारत अपनी सेवा कंपनियों के लिए ब्रिटेन से उदार वीजा प्रणाली की मांग कर रहा है. अधिकारी ने कहा कि कई बार, सेवा कंपनियों को अपने कुशल पेशेवरों को ब्रिटेन भेजना पड़ता है.ऐसे में इन लोगों के लिए लिए वीजा प्रणाली सुविधाजनक होनी चाहिए.’ लेकिन वीजा को लेकर भारत के इस प्रस्ताव ब्रिटेन को एतराज है. ब्रिटेन का कहना है कि यूरोपीय संघ से अलग होने के पीछे का असली मुद्दा आव्रजन ही था. अधिकारी ने कहा कि ब्रिटेन की आव्रजन चिंताओं के साथ अपनी चिंताओं का तालमेल बिठाना बड़ी चुनौती है.
भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत का दौर जनवरी, 2022 में शुरू हुआ था. इसे पिछले साल की दिवाली तक ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन कुछ बिंदुओं पर गतिरोध बने रहने से ये समझौता आगे नहीं बढ़ पाया है. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है.