बीते 5 साल में बैंकों में 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के फ्रॉड के मामले सामने आए हैं. सरकार ने संसद में बताया है कि बीते 5 साल में बैंक धोखाधड़ी के 782 मामले सामने आए हैं. राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय ने 1 जनवरी 2019 से 1 अक्टूबर 2023 के दौरान पीएमएलए कानून के अंतर्गत बैंक धोखाधड़ी के 782 मामलों की जांच की है. उनका कहना है कि पीएमएलए कानून के तहत इन बैंक धोखाधड़ी के मामलों को लेकर जरूरी कार्रवाई भी की गई है.
भागवत कराड ने कहा है कि बैंक धोखाधड़ी के खिलाफ की गई कार्रवाई की वजह से करीब 20,398 करोड़ रुपए की राशि जब्त की गई है. साथ ही 74 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है. उन्होंने कहा कि पीएमएलए की विशेष अदालत में 75 शिकायतें भी दर्ज कराई गई हैं.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2017 से 2021 तक 5 साल की अवधि के दौरान एटीएम और डेबिट/क्रेडिट कार्ड के जरिए धोखाधड़ी समेत बैंकों में फ्रॉड के कुल 40,548 मामले दर्ज किए गए थे और इन मामलों में 22,903 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें से 16,890 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था.
भागवत कराड ने बताया कि रिजर्व बैंक ने कमर्शियल बैंकों और चयनित वित्तीय संस्थानों द्वारा फ्रॉड का वर्गीकरण और उसकी रिपोर्टिंग के संबंध में निर्देश जारी किए हैं. निर्देश के तहत बैंकों से जुड़े फ्रॉड के मामलों की जांच विधि प्रवर्तन एजेंसियों (LIA), राज्य पुलिस और सीबीआई आदि को करनी होती है. विधि प्रवर्तन एजेंसियां इन मामलों की जांच करती हैं और उनके संबंध में उपयुक्त कार्रवाई करती हैं.
Published - December 5, 2023, 06:21 IST
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