साबुन-टूथपेस्ट जैसे पैकेज्ड घरेलू सामान के साथ-साथ पैकेज्ड फूड आइटम्स की कीमतें 2012 के बाद से दोगुनी से अधिक हो गई हैं. आम आदमी के खर्चों के की बात करें तो सबसे बुरी मार रसोई के सामान और अन्य घरेलू उत्पादों के साथ ही खाद्य और पेय पदार्थ जैसे एफएमसीजी उत्पादों की कीमतों पर पड़ी है. उद्योग मंडल सीआईआई और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) ने एक रिपोर्ट यह सामने आया है कि एफएमसीजी उत्पादों के बाद कॉलेज फीस में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है. राहत की बात यह है कि इंटरनेट प्लान, मोबाइल फोन, स्थानीय परिवहन और नए वाहनों की कीमतों में पिछले दशक में सबसे कम बदलाव दर्ज किया गया.
बीसीजी ने दस साल की अवधि में कई घरेलू वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में बदलाव को ट्रैक किया है. इसमें कॉलेज की फीस, चावल, दाल, आटा जैसे रसोई के सामान सहित एफएमसीजी के अलावा घरेलू देखभाल उत्पाद, बिजली, ताजा उपज, ईंधन, कपड़े, इंटर शामिल हैं.
चेयर ऑफ प्रैक्टिसेज, बीसीजी के एमडी और सीनियर पार्टनर अभिक सिंघी के मुताबिक, अन्य श्रेणियों की तुलना में एफएमसीजी उद्योग में सबसे ज्यादा कीमतें बढ़ीं है. इस वजह से यहां वॉल्यूम ग्रोथ उतनी मजबूत नहीं रही है. बड़ी उपभोक्ता वस्तु कंपनियों ने वॉल्यूम ग्रोथ की बजाय मुनाफा कमाने पर ध्यान दिया है.
भारतीय परिवारों ने 2023 में बिस्कुट, साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, जैम और फर्श क्लीनर आदि जैसे उपभोक्ता सामानों पर ₹5.4 लाख करोड़ खर्च किए हैं. 2019 के बाद से ये खर्च लगभग 45% बढ़ गया है.
कुल मिलाकर, 2014 से ए, बी, सी, डी और ई के रूप में बंटे हुए अलग-अलग सामाजिक-आर्थिक वर्गों में शहरी बाजारों में एफएमसीजी उत्पादों की बिक्री में गिरावट आ रही है. वहीं बीसीजी रिसर्चर कांतार के घरेलू पैनल डेटा का हवाला देते हुए कहा, 2007 और 2023 की अवधि के बीच ग्रामीण बाजारों में बिक्री या तो बढ़ी है या स्थिर बनी हुई है.
चालू कैलेंडर वर्ष के आंकड़ों का हवाला देते हुए बीसीजी ने कहा कि भारत में सभी परिवारों में से 16 फीसद संपन्न परिवार FMCG वस्तुओं पर 32% खर्च करते हैं, वहीं घरेलू वर्ग कारों पर 90% खर्च करता है.
बीसीजी के मुताबिक जो परिवार प्रति वर्ष ₹10,00,000 से अधिक कमाते हैं उन्हें संपन्न परिवार माना जाता है. ये उपभोक्ता हॉलिडे और कपड़ों पर भी बड़े पैमाने पर खर्च करते हैं. बीसीजी के मुताबिक 150,000 से ₹10,00,000 की वार्षिक घरेलू आय वाले परिवार मध्यम आय में आते हैं. यह परिवार एफएमसीजी उत्पादों पर 60% खर्च करते हैं.
सिंघी ने कहा, कंपनियों को इनोवेशन में तेजी लाने, अधिक किफायती उत्पाद लॉन्च करने और कीमतों में सुधार करने की जरूरत होगी. उन्होंने कहा, “ये ऐसी चीजें होंगी जो वॉल्यूम ग्रोथ को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं.
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