वाणिज्यिक बैंकों के 2,000 रुपए के नोट लेना बंद करने के बाद लोगों ने अब उच्च मूल्यवर्ग के नोट बदलने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 19 कार्यालयों में कतारें लगानी शुरू कर दी हैं. आरबीआई ने इस साल 19 मई को 2,000 रुपए के नोट वापस लेने की घोषणा की थी. इस नोट की शुरुआत 2016 में नोटबंदी के बाद हुई थी. उस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी.
अपनी ताजा घोषणा में आरबीआई ने जनता और संस्थाओं से कहा था कि 2,000 रुपए के नोट को 30 सितंबर तक बैंक शाखा में जाकर जमा कर दें या बदल लें. बाद में इस तारीख को सात अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया. इसके बाद बैंक शाखाओं में इन नोटों को जमा करने या बदलने की सुविधाएं बंद कर दी गईं. पिछले शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि 2,000 रुपए के कुल 3.43 लाख करोड़ रुपए के नोट वापस आ गए हैं और लगभग 12,000 करोड़ रुपए के ऐसे नोट अभी भी चलन में हैं.
लोग 2,000 रुपए के नोट बदलने के लिए दिल्ली सहित आरबीआई के विभिन्न कार्यालयों में कतारों में खड़े देखे गए. व्यक्ति या संस्थाएं आरबीआई के 19 कार्यालयों में एक बार में 20,000 रुपए की सीमा तक 2,000 रुपए के नोट बदल सकते हैं.