स्वीडन की दूरसंचार उपकरण विनिर्माता एरिक्सन चेन्नई में 6जी नेटवर्क का अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) केंद्र स्थापित करेगी. कंपनी ने कहा कि वह 6जी से संबंधित शोध के लिए भारत में प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों के साथ साझेदारी भी करेगी. एरिक्सन में दक्षिण-पूर्व एशिया, ओशनिया और भारत क्षेत्र के बाजार प्रमुख नुंजियो मिर्तिलो ने ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस’ के दौरान यह जानकारी दी.
मिर्तिलो ने कहा कि भारत का यह अनुसंधान एवं विकास केंद्र एक छोटी इकाई है जो आगे बड़ी हो जाएगी. दुनिया में हमारे पास ऐसे तीन केंद्र हैं. एक स्वीडन में, दूसरा अमेरिका में और तीसरा भारत में है. तीनों इकाइयां 6जी आधारित अनुसंधान में सहयोग कर रही हैं. एरिक्सन की प्रतिद्वंदी कंपनी नोकिया ने करीब दो हफ्ते पहले ही बेंगलुरु में अपनी 6जी प्रयोगशाला स्थापित की है.
पुणे में अपना पहला कारखाना स्थापित करने के बाद कंपनी लगभग दो दशक से भारत में मौजूद है. मिर्तिलो ने कहा कि भारत में एरिक्सन के अनुसंधान एवं विकास विभाग में करीब 2,000 लोग काम कर रहे हैं जिसकी वजह प्रतिस्पर्धी लागत नहीं बल्कि इस देश में हमारे पास मौजूद कौशल और वातावरण है. गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में, फिनिश टेलीकॉम उपकरण निर्माता नोकिया ने भारत में अपनी नई ‘6जी लैब’ खोली है. नोकिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और भारतीय बाजार के प्रमुख संजय मलिक ने कहा कि हमने जो 6जी लैब स्थापित की है, वह अनुसंधान और मानकीकरण (नई तकनीक के लिए) के लिए एक भौतिक परीक्षण मंच प्रदान करेगी. अमेरिकी दूरसंचार नेटवर्किंग उपकरण और सॉफ्टवेयर सेवा सप्लायर सिएना ने कहा है कि भारत अब संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद कंपनी का दूसरा सबसे बड़ा अनुसंधान और विकास केंद्र है.