भारत में इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने के लिए सरकार फेम इंडिया योजना के तहत लगातार प्रोत्साहन दे रही है, इसके बावजूद ईवी वाहनों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है. सरकार के वाहन पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री फरवरी में पांच महीनों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई, जबकि कंपनियों ने कीमतों में भारी कटौती की थी.
इस महीने अब तक ईवी पंजीकरण औसतन प्रति दिन 204 यूनिट तक गिर गया है, जो 11 महीनों में सबसे कम है. इस बात से संकेत मिलते हैं कि आने वाले दिनों में भी बिक्री में नरमी जारी रहेगी. आंकड़ों के अनुसार फरवरी में ईवी की कुल बिक्री घटकर 7,277 यूनिट रह गई है, जो अक्टूबर के बाद सबसे कम है. जानकारों का मानना है कि भारत में खरीदारों को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में शिफ्ट करने के लिए ज्यादा समय लगेगा.
टाटा मोटर्स ने प्रोडक्शन में की कटौती
ईवी की बिक्री धीमी होने की आशंका के चलते टाटा मोटर्स ने अप्रैल और मई के प्रोडक्शन में कटौती की है. मार्च में टाटा के ईवी पंजीकरण की बिक्री क्रमिक रूप से 13% गिर गई. इस महीने टाटा मोटर्स ने 2,200 से 2,500 ईवी का प्रोडक्शन करने की योजना बनाई है, जबकि लगभग 4-5 महीने पहले यह अधिकतम 4,500 यूनिट थी. कंपन अगले दो महीनों तक इसी तरह का उत्पादन स्तर बनाए रखने की संभावना है. टाटा के अलावा भारत के अन्य शीर्ष ईवी निर्माताओं जैसे- एमजी मोटर और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने हाल ही में वाहन की कीमतों में कटौती की है. मगर डीलरों का कहना है कीमतों को कम करने के बावजूद ग्राहक खरीदारी के लिए उत्साहित नहीं हैं.
सरकार दे रही प्रोत्साहन
भारत में (हाइब्रिड) और इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और विनिर्माण के लिए भारतीय सरकार (फेम इंडिया) योजना के तहत प्रोत्साहन देती है. सरकार फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME-II) के विस्तार पर विचार कर रही है. अगले वित्तीय वर्ष में ईवी निर्माण के लिए सरकार अंतरिम बजट में अतिरिक्त संसाधनों की मांग कर सकती है. हालांकि FAME के तीसरे संस्करण को अभी तक वित्त मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिली है.
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