एडटेक यूनिकॉर्न अपग्रेड का रेवेन्यू मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में 96% बढ़कर 1,194 करोड़ रुपए रहा. राजस्व बढ़ने के साथ ही कंपनी के घाटे में भी इजाफा हुआ है. अपग्रेड का घाटा पिछले साल के 684 करोड़ रुपए से 67% बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 1,142 करोड़ रुपए हो गया. हालांकि कंपनी ने इस अवधि के दौरान अपना एबिटा घाटा भी कम करके 558 करोड़ रुपए कर लिया है, जो इससे पहले 572 करोड़ रुपए था.
पिछले वित्त वर्ष के दौरान कंपनी की वित्तीय लागत 34 करोड़ रही, जिसकी वजह से कंपनी की ओवरऑल गैर-नकद लागत 584 करोड़ रुपए रही. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी की मार्केटिंग कॉस्ट घटकर 19 फीसदी पर आ गई. इस दौरान कंपनी ने मार्केटिंग पर 371 करोड़ रुपए खर्च किए. एक साल पहले यह खर्च 33 फीसदी यानी 403 करोड़ रुपए था. हालांकि कंपनी की कर्मचारी लागत अभी भी 36 फीसद की ऊंची दर पर बनी हुई है. वित्त वर्ष 2022-23 में कर्मचारियों के वेतन पर 707 करोड़ रुपए खर्च हुए, इसमें कर्मचारी स्टॉक ऑप्शन के लिए गैर-नकद लागत भी शामिल है.
कंपनी के सह-संस्थापक मयंक कुमार का कहना है कि चालू वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही से प्रदर्शन पर निगरानी रखी जा रही है और हम परिचालन लाभ कमाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. कुमार ने कहा कि एशिया और दुनिया भर में विकास के लिए ऑर्गेनिक, लीनियर और नॉन-लीनियर अवसरों की तलाश भी की जा रही है.
अपग्रेड पर छात्रों की संख्या एक करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है. वित्त वर्ष 2022-23 में पेड छात्रों की संख्या 54 फीसदी बढ़ी है. कंपनी अपने एंटरप्राइज बिजनेस पर भी ध्यान दे रही है. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी ने 1110 क्लाइंट को अपनी सेवाएं दी और उसे उम्मीद है कि वह कम से कम 75 फीसदी क्लाइंट को चालू वित्त वर्ष में रिटेन करेगी.
कंपनी की एंटरप्राइज इकाई विदेशों में भी विस्तार कर रही है. वित्त वर्ष 2022-23 के राजस्व में एंटरप्राइज बिजनेस की हिस्सेदारी 10 फीसदी थी, जिसके चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 21 फीसदी होने का अनुमान है.
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