नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) अपने एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोप की प्रारंभिक जांच करेगी और इसका निष्कर्ष मिलने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि कथित भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद अधिकारी को डीजीसीए में दूसरे विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया है.
इस मुद्दे पर डीजीसीए और नागर विमानन मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. सरकारी अधिकारी ने रविवार को कहा कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के मानदंडों के तहत प्रारंभिक जांच की जाएगी. अधिकारी ने कहा कि अधिकारी प्रारंभिक निष्कर्षों के आधार पर मामले की विस्तृत जांच करने का निर्णय करेंगे. खबरों के मुताबिक, भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहा अधिकारी डीजीसीए में उड़ान प्रशिक्षण संगठनों से संबंधित विभाग में था.
बता दें कि नागरिक विमानन महानिदेशालय ने देश के सबसे बड़े विमान उड़ान स्कूलों में शामिल रेडबर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग एकेडमी के सभी पांच ट्रेनिंग केंद्रों पर परिचालन को सस्पेंड कर दिया है. बता दें कि बीते 6 महीने में एकेडमी के विमानों के 5 हादसे हुए थे जिसके बाद डीजीसीए की ओर से यह कार्रवाई हुई है. DGCA का कहना है कि परिचालन दोबारा शुरू करने की अनुमति देने से पहले एकेडमी की रखरखाव की कार्यप्रणाली और संस्थान के उड़ान प्रशिक्षकों की दक्षता की जांच की जाएगी.