नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरपोर्ट कैंम्पस के अंदर 5जी सेवाएं प्रदान करने के दूरसंचार ऑपरेटरों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. वे कम रेडियो फ्रीक्वेंसी पावर आउटपुट का उपयोग करके सर्विस देना चाहते थे. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टेलीकॉम ऑपरेटरों ने रनवे पर कोई सिग्नल प्रसारित किए बिना हवाई अड्डों के भीतर 5G सेवाएं प्रदान करने का प्रस्ताव रखा था. हालांकि डीजीसीए ने इस सर्विस की वजह से विमान संचालन में आने वाली दिक्कतों के चलते प्रस्ताव को खारिज कर दिया. बता दें एयरक्राफ्ट अल्टीमीटर एक उपकरण है जो विभिन्न विमान प्रणालियों को सीधे ऊंचाई या ऊपरी इलाकों की जानकारी देता है.
पिछले साल नवंबर में, दूरसंचार विभाग (DoT) ने टेलीकॉम कंपनियों को रनवे के दोनों छोर से 2.1 किमी के क्षेत्र में और रनवे की केंद्र रेखा से 910 मीटर के क्षेत्र में 5G बेस स्टेशन नहीं ऑपरेट करने को कहा था. वर्तमान में, डीजीसीए हस्तक्षेप से बचने के लिए सभी विमानों के अल्टीमीटर को बदल रहा है. एक अधिकारी का कहना है कि डीजीसीए जरा सा भी जोखिम नहीं लेना चाहता क्योंकि इसमें यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है. इसलिए, वह हवाईअड्डे की इमारत के भीतर ऐसी किसी व्यवस्था को लागू नहीं कर सकता है. हालांकि विशेषज्ञों ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों को आवंटित 5जी सेवाओं के लिए 3300-3670 मेगाहर्ट्ज बैंड से विमान की उड़ान में कोई व्यवधान नहीं आएगा. जबकि सरकारी सूत्रों का कहना है 3670 मेगाहर्ट्ज की रेंज मेंं ये बैंड असर डाल सकते हैं.
बता दें इस साल की शुरुआत में, सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने डीजीसीए से कहा था कि वह एयरलाइंस को 1 सितंबर, 2023 से 18 महीने में अल्टीमीटर बदलने का काम पूरा करने का निर्देश दे. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि इसमें कम से कम दो साल लग सकते हैं.