दिवालियापन प्रक्रिया से गुजर रही एयरलाइन गो फर्स्ट को तगड़ा झटका लगा है. नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने बुधवार को एयरलाइन कंपनी की ओर से पट्टे पर लिए गए सभी 54 विमानों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. डीजीसीए ने ये कार्रवाई पिछले हफ्ते दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से जारी आदेश के तहत की. अदालत ने विमानन नियामक को ऐसा करने के लिए पांच दिन का समय दिया था.
पट्टेदारों ने खटखटाया था अदालत का दरवाजा
एसएमबीसी एविएशन कैपिटल लिमिटेड, स्काई लीजिंग, जीवाई एविएशन लीज, एसीजी एयरक्राफ्ट लीजिंग, बीओसी एविएशन और चाइना डेवलपमेंट बैंक फाइनेंशियल लीजिंग कंपनी सहित कुल 14 विमान पट्टेदारों ने एयरलाइन के बेड़े पर नियंत्रण हासिल करने के लिए पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था. इसी पर सुनवाई के दौरान पिछले सप्ताह हाई कोर्ट ने डीजीसीए को कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इतना ही नहीं अदालत ने एयरलाइन कंपनी की उड़ान सेवाओं को भी संचालित करने पर रोक लगा दी थी.
इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया के लिए किया था आवेदन
नकदी संकट से जूझ रही गो फर्स्ट ने 2 मई, 2023 को स्वैच्छिक दिवालियापन के लिए अप्लाई करने के बारे में जानकारी दी थी. एयरलाइन कंपनी ने अपने बेड़े के लगभग आधे हिस्से की ग्राउंडिंग पर प्रैट और व्हिटनी के साथ विवाद के कारण ये फैसला लिया था. गो फर्स्ट अभी इन्सॉल्वेंसी की प्रक्रिया से गुजर रही है. एनसीएलटी ने इन्सॉल्वेंसी प्रोसेस को पिछले महीने ही फिर से नया एक्सटेंशन दिया है. एनसीएलटी ने यह तीसरा एक्सटेंशन 8 अप्रैल को दिया है, जो 60 दिनों के लिए है.
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