भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को देश के सभी सरकारी, निजी और सहकारी बैंकों का बॉस माना जाता है. रिजर्व बैंक निर्देश या सलाह देता है तो बैकों को इसे मानना होता है. लेकिन अब लगता है कि बैंक आरबीआई की सुन नहीं रहे हैं, खासतौर पर अनसिक्योर्ड लोन (Unsecured Loan) के मामले में. रिजर्व बैंक इसे बैंकों के लिए बड़ा खतरा मान रहा है लेकिन बैंक हैं कि मान नहीं रहे हैं. वे जमकर अनसिक्योर्ड लोन बांट रहे हैं. एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार बीते एक साल में देश में क्रेडिट कार्ड की संख्या 17 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई है. वहीं बैंकों की आउटस्टैंडिंग करीब 25% बढ़ गई है.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों की बात करें तो मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में देश में कुल जारी किए गए नए क्रेडिट कार्ड की संख्या 10 लाख को भी पार कर गई है. आरबीआई के मुताबिक मार्च 2024 तक देश में कुल 10.18 करोड़ क्रेडिट कार्ड (Number of Credit Cards in India) हैं, जबकि इससे 1 साल पहले यानि मार्च 2023 तक देश में कुल 8.65 करोड़ क्रेडिट कार्ड थे. यानि सिर्फ एक साल में क्रेडिट कार्ड की संख्या में 17 फीसदी से भी ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है.
देश में सिर्फ क्रेडिट कार्डों की संख्या नहीं बढ़ी है बल्कि क्रेडिट कार्ड की आउटस्टैंडिंग (Credit Card Outstanding) भी बहुत तेजी से बढ़ी है. मार्च 2024 तक देश में क्रेडिट कार्ड की आउटस्टैंडिंग 2.57 लाख करोड़ रुपए थी, जबकि मार्च 2023 में यह 2.04 लाख करोड़ रुपए थी. यानि एक साल में 25 फीसदी का जोरदार उछाल आया है. जबकि 2022 के मुकाबले क्रेडिट कार्ड की आउटस्टैंडिंग 66.88% प्रतिशत बढ़ चुकी है. 2022 में आउटस्टैंडिंग 1.54 लाख करोड़ रुपये था.
वैसे यदि क्रेडिट कार्ड के बाजार की बात करें तो यह पूरी तरह से प्राइवेट बैंक के कब्जे में है. देश के क्रेडिट कार्ड बाजार में 20 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी के साथ एचडीएफसी बैंक सबसे आगे है. एचडीएफसी बैंक ने कुल 2.06 करोड़ क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं, जबकि करीब 18 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ एसबीआई कार्ड ने कुल 1.89 करोड़ क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं. इसके बाद आईसीआईसीआई बैंक ने 1.69, एक्सिस ने 1.42 और कोटक बैंक ने 59 लाख क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं. हालांकि फिलहाल आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक पर नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रोक लगाई गई है.
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