घरेलू उत्पादन बढ़ने के साथ प्राकृतिक गैस, खासकर एलएनजी के लिए आयात पर निर्भरता वित्त वर्ष 2025-26 तक घटकर 45 फीसद रह जाने की संभावना है. एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है. केयर रेटिंग्स ने एक विश्लेषण में कहा है कि घरेलू प्राकृतिक गैस उत्पादन में वृद्धि के साथ देश की आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) पर निर्भरता पिछले तीन साल में धीरे-धीरे कम हो गई है और इसके वर्ष 2025-26 तक लगभग 45 फीसद पर आने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2020-21 में देश की एलएनजी आयात पर निर्भरता 53 फीसद थी.
रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू गैस उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि से प्राकृतिक गैस की उच्च मांग को भी समर्थन मिलने की उम्मीद है. पिछले तीन वर्षों में घरेलू प्राकृतिक गैस उत्पादन में लगभग तीन करोड़ मानक घन मीटर प्रतिदिन की बढ़ोतरी हुई है और 1.5 करोड़ मानक घन मीटर प्रतिदिन की बढ़ोतरी अगले वित्त वर्ष में होने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2019-20 तक प्राकृतिक गैस की खपत में लगातार वृद्धि हुई थी, लेकिन महामारी और भू-राजनीतिक स्थितियों के कारण आयातित एलएनजी की कीमतें बढ़ने के बाद वित्त वर्ष 2021-23 से प्राकृतिक गैस की मांग में गिरावट आई है.
केयर रेटिंग्स के निदेशक हार्दिक शाह ने कहा कि घरेलू गैस खपत में गिरावट की प्रवृत्ति उलट जाएगी और वित्त वर्ष 2023-24 में अबतक की सबसे अधिक गैस खपत दर्ज होने की संभावना है. सरकार का लक्ष्य वर्ष 2030 तक अपने प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को मौजूदा छह फीसद से बढ़ाकर 15 फीसद करना है. इसमें उर्वरक, शहरी गैस वितरण, बिजली, रिफाइनरी और पेट्रोरसायन जैसे अंतिम उपयोग वाले प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष ध्यान रहेगा. रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 के बाद से घरेलू उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होने के साथ वित्त वर्ष 2023-24 और 2024-25 में अपेक्षित वृद्धि को देखते हुए एलएनजी आयात कम होने की उम्मीद है.